सारस न्यूज़, अररिया।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे भीषण हमले और अमानवीय अत्याचार के विरोध में गुरुवार को जिला निबंधन कार्यालय स्थित धरनास्थल पर सर्व हिंदू समाज द्वारा विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश सरकार की कड़ी निंदा करते हुए एक स्वर में मांग की गई कि हिंदुओं पर हो रहे हमले तुरंत रोके जाएं और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।
वक्ताओं ने भारत सरकार से अपील की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख, जैन, और बौद्ध समुदायों को सुरक्षा प्रदान करे। प्रदर्शन के अंत में सर्व हिंदू समाज ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और वर्तमान में बांग्लादेश को यह नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर हो रही हिंसा हमारे पूर्वजों पर हुए अत्याचारों की पुनरावृत्ति है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार को बर्खास्त करने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
सभा में यह भी कहा गया कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख मो. यूनुस कट्टरपंथियों के साथ खड़े हैं। हालांकि, उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है, लेकिन उनके नेतृत्व में अब साजिशन हिंसा और अशांति का माहौल बनाया जा रहा है। वक्ताओं ने नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली समिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस पुरस्कार का वितरण कहीं किसी साजिश या विचारधारा से प्रेरित तो नहीं है। उन्होंने मो. यूनुस का शांति पुरस्कार वापस लेने की मांग की।
दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ यह धरना-प्रदर्शन जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर समाप्त हुआ। इस अवसर पर सर्व हिंदू समाज के सैकड़ों गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।