सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में दिल्ली की कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट से यासीन मलिक के लिए फांसी की मांग की थी, पर कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सज़ा सुनाई है।
यासीन मलिक ने कोर्ट में अपना जुर्म कबूल किया था। हालांकि अलगाववादी नेता की सजा को लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
यासीन मलिक को एनआईए की कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले यासीन मलिक की ओर से आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने की बात स्वीकार की गई थी। मलिक के ऊपर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के अंतर्गत भी आरोप तय किए गए थे।
एडवोकेट अखंड प्रताप मित्र के हवाले से पता चला है कि, कोर्ट ने यासीन मलिक को धारा 17 यूएपीए के तहत आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये का जुर्माना, 120 बी के तहत 10 साल कैद और 10,000 रुपये जुर्माना और आईपीसी और यूएपीए की अन्य धाराओं की सजा सुनाई गई है