सारस न्यूज, वेब डेस्क।
केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने 33 खेल स्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिताओं (एसीटीसी) के वार्षिक कैलेंडर को अंतिम रूप दे दिया है और विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को सहायता के रूप में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 259 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। इस सहायता राशि में से, कुल 190 करोड़ रुपये राष्ट्रमंडल खेलों 2022 तथा एशियाई खेलों 2022 के लिए एथलीटों के प्रशिक्षण, विदेशी प्रतियोगिताओं के अनुभव दिलाने, खेल उपकरणों और सहयोगी कर्मचारियों पर खर्च किए जाएंगे। यह बजट 33 राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के साथ वर्ष 2022-23 के लिए उनके द्वारा तैयार प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण संबंधी कैलेंडर के बारे में विस्तृत चर्चाओं के आधार पर निर्धारित किया गया है। इन चर्चाओं में अगस्त, 2022 में यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में आयोजित आगामी राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) और सितंबर, 2022 में चीन के ग्वांगझू में आयोजित एशियाई खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों के प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता की जरूरतों से संबंधित प्रस्तावों पर विशेष जोर रहा। मंत्रालय ने विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के साथ पूरी सक्रियता से परामर्श कर इन दो प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों को दी जा रही सहायता को और बढ़ाने से संबंधित हर प्रस्ताव पर ध्यानपूर्वक विचार किया और उन्हें स्वीकृत किया।
उन 33 खेल संघों, जिनके एसीटीसी को मंत्रालय द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है, के अलावा तीन अन्य राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के साथ एसीटीसी संबंधी परामर्श बैठकें चल रही हैं और जल्द ही उनके लिए भी बजट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिताओं, विशेष रूप से आगामी राष्ट्रमंडल खेलों 2022, एशियाई खेलों 2022 और पैरा एशियन गेम्स 2022, से संबंधित योजनाओं और प्रस्तावों पर तत्परता से गौर किया है और एसीटीसी को मंजूरी दी है। उन्होंने आगे कहा कि एथलीटों की तैयारी में धन को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा और मंत्रालय खिलाड़ियों एवं राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को सभी आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान करेगा। उन्होंने खिलाड़ियों और टीमों को अपने प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान देने एवं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और इस प्रकार आने वाली प्रतिस्पर्धाओं में अधिक से अधिक पदक जीतकर देश को गौरवान्वित करने की सलाह भी दी।
एसीटीसी के तहत वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) का वित्त पोषण 1 मार्च, 2022 से प्रभावी संशोधित मानदंडों के आधार पर किया गया है। खेलों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इस योजना के विभिन्न घटकों में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
संशोधित मानदंडों के तहत, राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए उच्च प्राथमिकता खेलों के लिए सहायता को बढ़ाकर 51 लाख रुपये, प्राथमिकता वाले एवं भारतीय पारंपरिक खेलों के लिए और सामान्य श्रेणी के खेलों, जिन्हें पहले ‘अन्य’ के रूप में जाना जाता था, के लिए सहायता को 22 लाख रुपये (सभी श्रेणी की खेल स्पर्धाओं के लिए) से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। सामान्य खेल प्रशिक्षण किट (जैसे कि ट्रैक सूट, टी-शर्ट, शॉर्ट्स, वार्म अप जूते आदि) के लिए भत्ते को दोगुना करते हुए राष्ट्रीय शिविर में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए वर्ष में एक बार प्रति एथलीट 20,000 रुपये कर दिया गया है। देश में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सहायता की मात्रा को 30 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। योग्य एवं उच्च गुणवत्ता वाले सहयोगी कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए, उनके पारिश्रमिक में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। खेल डॉक्टरों और डॉक्टरों के पारिश्रमिक को एक लाख रुपये प्रति माह से बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रति माह रुपये तक कर दिया गया है। हेड फिजियोथेरेपिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट के पारिश्रमिक को 80,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर क्रमशः 2 लाख रुपये प्रति माह तक और 1.5 लाख रुपये प्रति माह तक कर दिया गया है।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को आगामी बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के उनके प्रयासों में कोई बाधा न उत्पन्न हो, खेल मंत्रालय ने 2011 के खेल संहिता के प्रावधानों के संदर्भ में उनके कान्स्टिटूशन/मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन की जांच के बाद वर्ष 2022 के लिए 38 राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) की मान्यता को नवीनीकृत करने के लिए पूरी सक्रियता के साथ कदम उठाया है। बाकी बचे राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) की मान्यता के नवीनीकरण पर विचार किया जा रहा है।