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जी. किशन रेड्डी कल हैदराबाद में ‘भारत में संग्रहालयों की पुनर्कल्पना’ पर पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

पिछले 7 वर्षों में प्रदर्शों और विषय-सामग्री सहित, डिजिटल, संवर्धित वास्तविकता और वर्चुअल वास्तविकता जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित नए संग्रहालयों के निर्माण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। हमने मौजूदा संग्रहालयों के उन्नयन में भी काफी निवेश किया है ताकि वे नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिक बने रहें”: जी. किशन रेड्डी

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय 15 से 16 फरवरी 2022 तक हैदराबाद में ‘भारत में संग्रहालयों की पुनर्कल्पना’ पर अपनी तरह का पहला, दो दिनों तक चलने वाला वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है। भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास मंत्री जी किशन रेड्डी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। भारत, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन जैसे देशों के प्रतिभागी दो दिनों तक चलने वाले इस ऑनलाइन शिखर सम्मेलन का हिस्सा होंगे, जिसमें आम लोगों के लिए भागीदारी खुली है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब 2300 लोगों ने पंजीकरण कराया है।

आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जो भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश की जनता, इसकी संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने के लिए प्रमुख कार्यक्रम है।

यह वैश्विक शिखर सम्मेलन भारत और दुनिया भर में संग्रहालय विकास और प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़ी अग्रणी हस्तियों, इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और पेशेवरों को एक साथ लाएगा, ताकि सर्वोत्तम तौर-तरीकों और रणनीतियों पर चर्चा की जा सके। इसमें 25 से अधिक संग्रहालय विज्ञानी और संग्रहालय से जुड़े पेशेवर संग्रहालयों के लिए नई प्राथमिकताओं और तौर तरीकों के बारे में गहन विचार-विमर्श करेंगे। ज्ञान साझा करने के परिणामस्वरूप नए संग्रहालयों के विकास के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार होने के साथ-साथ एक नया कार्यक्रम तैयार होगा और भारत में मौजूदा संग्रहालयों को फिर से जीवंत करने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

शिखर सम्मेलन के बारे में जी. किशन रेड्डी ने कहा, “भारत समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भूमि है जो मानव सभ्यता की शुरुआत से ही है। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान, हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने, सुरक्षित करने और उसे कायम रखने के लिए नए सिरे से अपना ध्यान केंद्रित करने तथा समर्पित करने पर गर्व हो रहा है। भारत के 1000 से अधिक संग्रहालय न केवल इस सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी शिक्षित करते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पिछले 7 वर्षों में आकर्षक प्रदर्शों और विषय-सामग्री सहित, डिजिटल, संवर्धित वास्तविकता और वर्चुअल वास्तविकता जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित नए संग्रहालयों के निर्माण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। हमने मौजूदा संग्रहालयों के उन्नयन में भी काफी निवेश किया है ताकि वे नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिक बने रहें।”

ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में चार व्यापक विषय शामिल होंगे: वास्तुकला और कार्यात्मक आवश्यकताएं, प्रबंध, संग्रह (क्यूरेशन और संरक्षण के तौर-तरीकों सहित) और शिक्षा एवं दर्शकों की भागीदारी।

भागीदारी के लिए यहां साइन अप करें: https://www.reimaginingmuseumsinindia.com/

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