सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
सिलीगुड़ी में जिस तरह से रोहिंग्यायों की प्रवेश पिछले कुछ महीनों से हो रहा है, यह निश्चित रूप से सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सवा महीने के अंदर एनजेपी स्टेशन से 20 रोहिंग्या सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार रोहिंग्या सिलीगुड़ी के रास्ते पूर्वोत्तर के राज्यों में जाने की फिराक में लगे रहते हैं, अथवा पूर्वोत्तर के रास्ते दिल्ली अथवा जम्मू कश्मीर जाने की कोशिश कर रहे हैं, इसे देखते हुए भारत बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ भी पूरी तरह से चौकस हो गया है। बीएसएफ के आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहिंग्या सदस्यों के सिलीगुड़ी में प्रवेश तथा यहां से अन्य जगहों के लिए जाना निश्चित रूप से चिंता का विषय है। हालांकि बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी तरह से चौकसी बरत रही है। इसके अलावा खुपिया निगरानी भी बढ़ा रही है। अगर भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में कहीं भी रोहिंग्या सदस्यों के रहने अथवा छिपे होने की खबर मिलेगी, बीएसएफ अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उनको हिरासत में लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम ने रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से छह बच्चों समेत 13 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था। आरपीएफ के सूत्रों द्वारा बताया गया कि रोहिग्या जम्मू व कश्मीर तथा हरियाणा से दिल्ली के रास्ते बिहार के मुजफ्फरपुर होते हुए सिलीगुड़ी पहुंचे, तथा बीते शुक्रवार को एनजेपी स्टेशन से कंचनजंघा ट्रेन पकड़ कर त्रिपुरा के धर्मनगर जाने की फिराक में थे।
इस संबंध में बीएसएफ, उत्तर बंगाल फ्रंटियर के आइजी अजय सिंह ने बताया कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसफ पूरी तरह से मुस्तैद है। सिलीगुड़ी खासकर एनजेपी स्टेशन से पूर्वोत्तर के राज्य जाने के लिए जिस तरह से रोहिंग्या सदस्य इकट्ठे हुए थे, इस पर गंभीरतापूर्वक नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्र से किसी भी तरह के अपराध को रोकने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से कृत संकल्प है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीमावर्ती क्षेत्र से तस्कर विरोधी अभियान में प्राय: तस्करों की गिरफ्तारी हो रही है।