सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
भारत में लगेंगे छह हाईपावर न्यूक्लियर प्लांट
रूस के साथ वर्षों पुरानी दोस्ती में जुड़ा नया आयाम, परमाणु ऊर्जा पर मिलकर काम करेंगे दोनों देश
भारत और रूस की दोस्ती में मंगलवार को एक नया आयाम जुड़ गया है। परमाणु ऊर्जा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। जल्द ही भारत रूसी एटोमिक एजेंसी के साथ जुडक़र परमाणु ऊर्जा पर काम करेगा। भारत और रूस की एटामिक एजेंसी छह हाईपावर न्यूक्लियर प्लांट्स बनाएंगे। ये सभी प्लांट भारत में लगाए जाएंगे। एनर्जी इस वक्त पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चिंता, चुनौती और उपलब्धि भी है। दुनिया का हर देश इस दिशा में कुछ करना चाहता है और इसे पाना चाहता है। इसलिए यह बड़ा फैसला लिया गया है। यह घोषणा तब हुई है, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 22वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय महत्त्वपूर्ण यात्रा पर रूस में हैं। इस दौरान भारत और रूस ने भारत में अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण पर चर्चा की, रूस के रोसाटॉम ने भी इसकी पुष्टि की।
राज्य परमाणु ऊर्जा निगम रोसाटॉम (रोसाटोम) एक रूसी बहु-उद्योग होल्डिंग कंपनी है, जिसमें पावर इंजीनियरिंग, मशीन निर्माण और निर्माण क्षेत्र की संपत्तियां शामिल हैं। इसकी रणनीति पवन ऊर्जा सहित कम कार्बन उत्पादन विकसित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में कजाान और येकातेरिनबर्ग में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की, साथ ही उन्होंने दो दशक से अधिक समय से द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने में उनके महान कार्य के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जमकर सराहना की। गौरतलब है कि रूस ने सोमवार को यूक्रेन में उसकी तरफ से लड़ रहे भारतीयों की वापसी का भी फैसला किया था। उधर, रूस के दो दिवसीय दौरे के बाद प्रधानमंत्री मंगलवार देर शाम को आस्ट्रिया रवाना हो गए।
मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन को सलाह, युद्ध के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता
रूस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को सलाह देते हुए कहा कि एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा है कि युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है।उन्होंने कहा कि पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। इसलिए मॉस्को में हुए आतंकी हमले का दर्द समझ सकता हूं। मैं हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं। इस दौरान पुतिन ने कहा कि आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, हम उसके लिए आपके आभारी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च सम्मान
मॉस्को। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से नवाजा गया है। यह रूस का सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है। 2019 में रूस ने उनको यह सम्मान देने का ऐलान किया था। यह पुरस्कार रूस और भारत के बीच एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के पीएम मोदी के विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार की अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यह 326 साल पुराना है। 1698 में जार पीटर दि ग्रेट ने रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल को शुरू किया था।