सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
बिहार सरकार के निबंधन विभाग से जुड़ी हर सेवा के लिए अब आवेदकों को लोक सेवा केंद्र का चक्कर नहीं लगाना होगा। कई सेवाओं के लिए आवेदक का काम उसी दिन पूरा कर दिया जाएगा। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने तत्काल मुहैया कराए जाने वाले दस्तावेजों के लिए आवेदकों को जबरन आरटीपीएस काउंटर भेजने की प्रथा पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है।
प्रमंडल से लेकर जिला अवर निबंधकों को लिखे पत्र में उन्होंने साफ कहा है कि आरटीपीएस की व्यवस्था मुख्यत: पीडि़त लोगों के लिए है। निबंधन कार्यालयों में आने वाले सभी लोगों से जबरदस्ती पहले आरटीपीएस आवेदन भरवा कर, उसका निबटारा करने की परंपरा गलत है। अगर दस्तावेज का निबंधन कर उसी दिन लौटा दिया जा रहा है, तो न जनता की शिकायत रहेगी और न ही काउंटर पर उनका समय बर्बाद होगा।
पिछले दिनों निबंधन कार्यालयों के निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव को इस बात की जानकारी मिली कि दस्तावेजों के निबंधन, उसके निबटारे, दस्तावेजों की वापसी, खोज या फोटो कापी अथवा ऋण अवभार प्रमाण पत्र के लिए आरटीपीएस आवेदन जरूरी है, जबकि यह सेवाएं मांग के दिन ही उपलब्ध कराये जाने का स्पष्ट निर्देश है। हां, सेवा से असंतुष्ट आवेदक आरटीपीएस में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
निबंधन कार्यालयों में नहीं बनाए जाएंगे शेड:-
निबंधन कार्यालयों में दस्तावेजनवीसों के लिए शेड बनाने की बाध्यता से संबंधित 40 वर्ष पुराने संकल्प को रद कर दिया है। इस बाबत विभाग ने नया संकल्प जारी कर कहा है कि वर्तमान समय में निबंधन कार्यालयों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने की वजह से कातिबों के बैठने के लिए जगह की उपलब्धता की कमी है। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (निबंधन विभाग) के 40 वर्ष पुराने उस संकल्प को रद्द किया जाता है, जिसमें दस्तावेजनवीसों के लिए शेड निर्माण की बात कही गई थी।