सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज।
बिहार की सभी औद्योगिक, सार्वजनिक व ग्रुप हाउसिंग के तहत निर्मित भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होगा। वैसे आवासीय भवन जो सौ वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के होंगे, उनके नक्शे में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रविधान करना होगा। इसका पालन नहीं करने पर संबंधित शहरी निकाय जुर्माना वसूलेंगे। राज्य सरकार द्वारा संशोधित नए बिल्डिंग बायलाज में इसका प्रविधान किया गया है।रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मानीटरिंग के लिए स्थानीय निकाय सेल का गठन करेंगे। शहरी निकाय अपने क्षेत्र में इसे लागू करने के साथ मानीटरिंग भी करेंगे। भवन निर्माण के समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तहत इकट्ठा होने वाले जल के भंडारण एवं उपयोग दोनों पर जोर देना होगा। संपत्ति को पूर्णता या अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने से पहले इसका निरीक्षण अनिवार्य होगा। इसके निर्माण के लिए रजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सामुदायिक भवन संगठनों तथा एनजीओ की मदद ली जा सकेगी। इसके अलावा जानकार लोगों को नियोजित भी किया जाएगा। संशोधित बिल्डिंग बायलाज के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों पर भी भू-जल रिचार्ज पिट का निर्माण किया जाएगा। शहर के पार्क, खेल मैदान, स्टेडियम, स्मारक क्षेत्र व सार्वजनिक पार्किंग क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से अधिक आकार के भू-जल रिचार्ज पिट बनाए जाएंगे। इसके लिए पुराने कुएं व खराब बोरवेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।बिहार सहित देश और दुनिया के तमाम हिस्सों में तेजी से घटते भूजल स्तर ने हर स्तर पर चिंता को बढ़ाया है। सरकार अब भूजल के संरक्षण के साथ ही उसके पुनः आपूर्ति के उपाय भी कर रही है। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंंग को बढ़ावा देने के लिए कानूनी बाध्यता की जा रही है।