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उच्च शिक्षा के लिए 42 तरह के कोर्स के लिए चार लाख रुपए तक का लोन।

सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज।

बिहार में उच्‍च शिक्षा की दर अब भी राष्‍ट्रीय औसत से काफी कम है। स्‍कूलों में दाखिल होने वाली बड़ी आबादी कालेज तक अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती है। इसके पीछे की एक वजह आर्थिक है। इसे देखते हुए ही बिहार सरकार ने उच्‍च शिक्षा ग्रहण करने के इच्‍छुक छात्र-छात्राओं को कम ब्‍याज पर लोन उपलब्‍ध कराने के लिए बिहार स्‍टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना तैयार की है। यह मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्‍चयों में से एक है। इसके तहत बीए-बीएससी जैसे सामान्‍य कोर्स से लेकर तकनीकी शिक्षा तक के लिए आसान शर्तों पर लोन मिलता है।

बिहार के छात्र-छात्रा 42 तरह के कोर्स के लिए चार लाख रुपए तक का लोन इस योजना से हासिल कर सकते हैं। इसमें कोर्स फीस के अलावा रहने का खर्च और कापी-किताब का खर्च भी शाम‍िल है। खास बात यह है कि यह लोन पाने के लिए बिहार में पढ़ाई करना भी जरूरी नहीं है। बिहार के छात्र-छात्रा देश के किसी भी हिस्‍से में पढ़ाई करने के लिए इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बशर्ते उनके कालेज या संस्‍थान का नाम योजना की सूची में शामिल हो।

योजना के तहत लिया गया लोन चुकता करने के लिए कोर्स पूरा करने के बाद एक साल का वक्‍त मिलता है। अगर आपकी नौकरी कोर्स पूरा करने के साथ ही लग जाती है, तो आपको पढ़ाई खत्‍म करने के छठे महीने से ही ब्‍याज देना होगा, अन्‍यथा आपको एक साल तक ब्‍याज से भी छूट है। ब्‍याज की गणना चार प्रतिशत साधारण ब्‍याज की दर से की जाती है। महिला, दिव्‍यांग और ट्रांसजेंडर को केवल एक प्रत‍िशत साधारण ब्‍याज पर लोन मिलता है।

दो लाख रुपए तक के लोन को 60 महीने में और इससे अधिक के लोन को 84 मासिक किस्‍तों में चुकाया जा सकता है। समय से पहले लोन चुकता करने पर ब्‍याज में छूट भी मिलेगी। अगर आवेदक पढ़ाई पूरी करने के बाद भी रोजगार या नौकरी पाने में विफल रहता है तो उसे किस्‍त जमा करने से छूट मिलती है। इस योजना के आवेदन निर्धारित समयसीमा के अंदर निष्‍पादित करने की बाध्‍यता अध‍िकारी पर रहती है।

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