सारस न्यूज टीम, पटना।
गुरूवार को हिंदुओं का बड़ा त्योहार गंगा दशहरा राज्य के बक्सर, पटना, छपरा, हाजीपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, भागलपुर सहित बिहार के तमाम शहरों में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। पवित्र नदी गंगा के किनारे बसे इन तमाम शहरों में पवित्र स्नान के लिए लोग सुबह से ही नदी के तीर पर पहुंचने लगे थे। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि गुरुवार को हस्त नक्षत्र में मनाया जाने वाला गंगा दशहरा पर्व पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मां गंगा के जयकारे लगा कर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ जरूरतमंदों को दान-पुण्य कर रहे हैं। कोरोना की पाबंदियों के कारण पिछले दो साल गंगा दशहरा पर लोगों को नदी घाट पर मेला नहीं लगाने की हिदायत दी गई थी। इस बार नदी घाटों पर खूब रौनक है।
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा बताते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पृथ्वी पर इसी दिन वृष लग्न व हस्त नक्षत्र में जीवनदायिनी मां गंगा का अवतरण हुआ था। वहीं प्रभु श्रीराम ने रामेश्वरम में शिवलिंग को स्थापित किया था। गंगा नदी में स्नान से असमर्थ श्रद्धालु घर में रखे गंगाजल को स्नान जल में मिलाकर गंगा स्नान के पुण्य फल को प्राप्त कर सकते हैं।
ज्योतिष आचार्य ने पंचांगों के हवाले से बताया कि गंगा दशहरा पर सिद्धि योग, रवि योग का संयोग पूरे दिन बना रहेगा। गंगा दशहरा के मौके पर सत्तू, पंखा, ऋतुफल, गुड़, जल से भरा मिट्टी के पात्र व दीपक दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। दीपों के दान करने से पितरों की कृपा बनी रहती है। उन्होंने गंगा दशहरा के दिन गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प लेते हुए गंगा नदी में गंदगी व पूजन सामग्री व अन्य चीज न डालने की बात कही।