सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज, किशनगंज।
छपरा जिले में संदेहास्पद स्थिति में पिछले तीन दिनों से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावे पांच लोगों के आंखों की रोशनी भी जा चुकी है। स्वजन जहरीली शराब से मौत की बात कह रहे हैं, जबकि प्रशासन अब भी जांच करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है। शुक्रवार को गृह सचिव के. सैंथिल कुमार के साथ मद्य निषेध विभाग के एडीजी संजय सिंह एवं आइजी अमृत राज जांच के लिए छपरा पहुंचे। परिसदन में शाम को जिला के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की और शराब के धंधेबाजों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। जांच के लिए पहुंचे गृह सचिव और एडीजी ने धंधेबाजों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए है। एडीजी संजय सिंह ने कहा कि जिनकी मौत हुई है, उनके बारे में जानकारी मिली है कि उन लोगों ने शराब पी थी। मेडिकल टीम की देखरेख में चार के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है, रिपोर्ट का प्रशासन को इंतजार हैं।
बैठक के बाद एडीजी संजय सिंह ने कहा कि गांव-देहात मद्य निषेध को लेकर विशेष रूप से जागरूकता फैलाई जाएगी। जो भी मौतें हुई हैं, इसके कारणों का पता करने को विस्तृत जांच कराई जा रही है। अभी तक जो बातें सामने आई हैं, उसके अनुसार पांच लोगों के स्वजनों ने ही शराब से मरने की बात कही है। अन्य के स्वजन बीमारी व अन्य कारणों से मौत की बात कह रहे हैं। जो लोग पकड़े गए हैं, जांच में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कप्तान संतोष कुमार की मानें तो जिले में अब तक 14 लोगों की ही मौतें हुई हैं। इनमें 5 की मौत को लेकर उनके स्वजनों ने शराब से मरने की बात बताई है। चार लोगों का पोस्टमार्टम कराया गया है। मेडिकल टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी सामने आएगी। जांच में सभी बिंदुओं पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
मेडिकल टीम का किया गया गठन
वहीं सिविल सर्जन डा. सागर गुलाल सिन्हा मकेर पहुंचे। उन्होंने सभी मृत लोगों के स्वजनों एवं बीमार लोगों से बातचीत की। कहा कि जहरीली शराब से आंख की रोशनी जाने लगती है और इसके बाद मौत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि ठंड के लक्षण अलग होते हैं। फिलहाल गांव के हालात को देखते हुए मेडिकल टीम का गठन कर दिया गया है और मकेर स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। आंखों की रोशनी गंवा चुके अंजय सिंह ने बताया कि उन्होंने तीन दिन पहले शराब पी थी। गुरुवार को धुंधला दिखाई देने लगा। शुक्रवार से पूरी तरह दिखाई देना बंद हो गया। उनका इलाज मकेर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करने के बाद डाक्टर ने छपरा रेफर कर दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।