सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
बिहार के पूर्णिया में पूर्व जिला पार्षद विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की हत्या के बाद एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। एक तरफ जहां पूर्व जिला परिषद विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह के परिजन मंत्री लेसी सिंह के ऊपर साजिश का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सारसी थाना की पुलिस प्रशासन भी सवाल के घरों पर है, बताते चलें कि हत्या के ठीक 9 दिन पहले विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह ने सारसी थाना की पुलिस को यह जानकारी दी थी एवं थाना में एक सनहा दर्ज कराया था। कभी भी उनकी हत्या कराई जा सकती है। थाने में दिए गए सनहा का कॉपी सारस न्यूज़ के हाथ लगी है। विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की तरफ से पुलिस को दी गई लिखित शिकायत की कोपी मौजूद है। इसमें विश्वजीत सिंह रिंटू सिंह ने बताया है कि उनके ऊपर हमला किया गया और आशीष सिंह उसकी हत्या करवा सकता है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि आशीष सिंह ने ही हत्या की घटना को अंजाम दिया। हत्या के बाद परिजनों की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में भी उसे मुख्य आरोपी बनाया गया है। आशीष सिंह को लेकर विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि वह लेसी सिंह का भतीजा है। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पुलिस ने पूर्व जिला परिषद की तरफ से लिखित शिकायत मिलने के बावजूद इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया। वारदात के बाद अब स्थानीय थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
पूर्व जिला परिषद सदस्य विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह के ऊपर 3 नवंबर के दिन भी हमला हुआ था। लिखित शिकायत के मुताबिक, रिंटू सिंह दिन के 3:30 बजे जब सरसी आ रहे थे तभी रास्ते में उनके ऊपर हमला किया गया। इस लिखित शिकायत में आशीष सिंह के ऊपर रिंटू सिंह ने आरोप लगाए थे।लोगों ने आक्रोशित होकर हंगामा किया है. पुलिस प्रशासन पर लोग काफी नाराज दिख रहे हैं लोगों ने पुलिस प्रशासन पर भी आरोप लगाया है, बिहार में जिस तरह से अपराध बेलगाम है दिनदहाड़े हत्या हो रही है लोग डरे सहमें हुए हैं, लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, दिनदहाड़े हुए हत्या पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।