Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

नीतीश सरकार का बड़ा कदम; राज्य सरकार वस्त्र एवम चर्म उद्योग में काम करने वालों की सैलरी में करेगी अंशदान।

सारस न्यूज टीम, बिहार।

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-वस्त्र एवं चर्म (टेक्सटाइल एंड लेदर) 2022 को राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में 18 एजेंडों पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। बिहार में वस्त्र और चर्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों के लिए इस नीति में अनेक तरह की सहूलियतों का प्रावधान किया गया है। इस नीति का लाभ प्राप्त करने के लिए इकाइयों को 30 जून 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर देना होगा।

प्रमुख सहूलियतों में पूंजीगत अनुदान से लेकर उद्योग में काम करने वाले कामगारों के वेतन में राज्य सरकार द्वारा अंशदान किये जाने का प्रावधान शामिल है। माना जा रहा है कि विभिन्न राज्यों में इन दोनों उद्योगों में बिहार के श्रमिकों की बड़े पैमाने पर भागीदारी है। इसलिए इन दोनों उद्योगों के लिए बिहार में मानव संसाधन की कोई दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही, बिहार के श्रमिक जो बाहर काम कर रहे हैं।वे अपने राज्य में वापस आना चाहेंगे।

वस्त्र एवं चर्म उद्योग लगाने पर 15 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान सरकारी देगी, जो अधिकतम दस करोड़ तक होगा। इसके अलावा दोनों क्षेत्रों के उद्योग में काम करने वाले प्रति श्रमिक के वेतन पर सरकार हर माह तीन से पांच हजार का अंशदान देगी। अकुशल को तीन हजार, कुशल श्रमिक को चार हजार और उच्च कुशल को पांच हजार प्रति श्रमिक सरकार देगी।

प्रमुख सहूलियतें

1. 15 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, जो अधिकतम दस करोड़ तक होगा
2. उद्योग में काम करने वाले प्रति श्रमिक के वेतन पर सरकार तीन से पांच हजार का अंशदान देगी
3. बिजली के बिल भुगतान में प्रति यूनिट दो रुपये अनुदान मिलेगा
4. वस्त्र व चर्म उत्पाद के निर्यात पर परिवहन शुल्क पर 30 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जो सालाना दस लाख तक होगा
5. प्रति पेटेंट दस लाख का अनुदान मिलेगा

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘राज्य में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हमने देश की सबसे बेहतर पॉलिसी तैयार की है। इससे देश भर के टेक्सटाइल और लेदर उद्योग से जुड़े कारोबारियों, उद्योगपतियों को बिहार में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। बिहार देश का टेक्सटाइल व लेदर उद्योगों का हब बन सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

error: Content is protected !!