शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार के कुर्था अरवल में ऐसी घटना प्रकाश में आई है जिसे सुनकर एक कहावत याद आ गई, डुबते को तिनके का सहारा ही काफी होता है। ऐसा ही वाकया रविवार को कुर्था सूर्य मंदिर प्रांगण में देखने को मिली जहां एक देवर ने अग्नि को साक्षी मानकर अपनी ही भाभी के साथ शादी रचाकर साथ जीने मरने की कसमें खाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अरवल जिले के करपी प्रखंड अंतर्गत नादी गांव निवासी स्वर्गीय सुदर्शन सिंह की पुत्री ममता कुमारी की शादी विगत 12 मई 2019 को हिंदू रीति रिवाज के साथ जहानाबाद जिले के परसबीघा थाना अंतर्गत घोसी गांव निवासी सरोज कुमार दीपक के साथ हुई थी। शादी के चंद दिनों बाद से ही पति पत्नी में किसी बात को लेकर मनमुटाव होने लगा और मनमुटाव ऐसा हुआ कि ममता के पति घर से फरार हो गए जिसका आज तक कोई अता पता नहीं चल सक । मजबूरन लड़की पक्ष व लड़के पक्ष के लोगों ने समाज के लोगों के साथ एक बैठक कर निर्णय लिया कि ममता कुमारी के पति का कोई अता पता नहीं है ऐसे में ममता कुमारी के पति के छोटे भाई करण राज उर्फ छोटू के साथ शादी कर दी जाए। ऐसे में दोनों पक्ष के लोग राजी हो गए। बस क्या था समाज के लोगों ने कुर्था सूर्य मंदिर परिसर में आकर दोनो दम्पति ने भगवान भास्कर को साक्षी मानकर अग्नि के सात फेरे लेकर साथ जीने मरने की कसमें खाई। वही गया जिले के मखदुमपुर थाना अंतर्गत सोनबरसा गांव निवासी सुनील कुमार की अध्यक्षता में शादी संपन्न की गई मौके पर नदौरा पंचायत के पूर्व मुखिया रविशंकर प्रसाद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।