सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मुकम्मल मुकाम देने हेतु नीतीश सरकार ने बजट में कई प्रावधान किए। इसकी झलक सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत राज्य बजट में दिखी। सब पढ़ें, सब बढ़ें का मूल मंत्र अपनाते हुए सरकार ने डिजिटल या फिर आनलाइन माध्यम से शिक्षा को जोड़े रखने और उसका दायरा बढ़ाने पर खूब फोकस किया है। नीति आयोग के इंडेक्स पर खरा उतरने के लिए शिक्षा क्षेत्र में ई-कंटेंट लर्निंग, टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम, रिसर्च और इनोवेशन का खासा ध्यान रखा गया है। फिलहाल इसकी जमीन तैयार हो गई है क्योंकि पहली बार शिक्षा का रोडमैप के आधार पर सरकार कार्य कर रही है।
शिक्षा बजट में 1200 करोड़ की वृद्धि:-
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए मिशन निपुण कार्यक्रम पर जोर दिया है। यही वजह है कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के शिक्षा बजट में 1155.94 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस बार शिक्षा बजट कुल 37191.87 करोड़ रुपये का है। जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में शिक्षा बजट 38035.93 करोड़ रुपये का है। हालांकि इस बार का शिक्षा बजट का यह रोचक पहलू यह भी है कि सरकार ने शिक्षा बजट का आकार तो बढ़ाया पर स्कीम मद में राशि घटा दी है। चालू वित्त वर्ष में स्कीम मद में 29080.18 करोड़ रुपये है, जबकि नए बजट में स्कीम मद में 22198.38 करोड़ रुपये का ही प्रविधान किया गया है।
बेसिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षा में दिखेगा बड़ा बदलाव:-
सरकार ने अपने बजट में बेसिक से लेकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में बड़ा बदलाव लाने का खाका भी पेश किया है जिसका विस्तार शिक्षा, तकनीकी शिक्षा जैसे महकमों के बजट में देखने को मिलेगा। सबसे अच्छी बात यह कि नीतीश सरकार ने शिक्षा के सभी सेक्टर को डिजिटल या फिर आनलाइन माध्यम से जोड़े रखने की पहल की गई है। हालांकि यह सोच कोरोना संकट को देखते हुए तात्कालिक राहत पहुंचाने की सरकार की कोशिशों के साथ दूरदर्शी सोच को भी आगे बढ़ाने वाली है। जिसमें वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा के ग्रास इनरोल्टमेंट रेशियो (जीईआर ) को 35 प्रतिशत पहुंचाने के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को भी हासिल करना है। कोर्स की संख्या भी बढ़ेगी क्योंकि मौजूदा समय में उच्च शिक्षा के सामने एक बड़ी चुनौती विश्वविद्यालयों और कालेजों में हर कोर्स के लिए एक सीमित संख्या का भी होना है। ऐसे में चाहने के बाद भी कई बार इन कोर्स में दाखिला नहीं मिल पाता है।
अब मिडिल स्कूलों में बेहतर ई-कटेंट के लिए स्मार्ट क्लास:-
कोरोना काल में पढ़ाई से वंचित आंगनबाड़ी केंद्रों एवं बेसिक स्कूलों के बच्चों में मूतभूत साक्षरता व संख्या ज्ञान पर ज्यादा फोकस रखने पर जोर दिया गया है। इसके तहत राज्य में संचालित 1.18 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों और 72 हजार से ज्यादा प्रारंभिक विद्यालयों के 1.39 करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए मिशन निपुण कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर तेजी लाने पर बल दिया गया है। सेकेंडरी के अतिरिक्त अब मिडिल स्कूलों में बेहतर ई-कटेंट के लिए स्मार्ट क्लास चलाने की स्कीम भी लागू होगी।
शिक्षा बजट में नई नियुक्तियों को प्राथमिकता:-
- बीपीएससी से प्राथमिक विद्यालयों में 40558 और 8386 शारीररिक अनुदेशकों की नियुक्ति शीघ्र
- नवसृजित 32916 माध्यमिक व 1000 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पदों पर जल्द नियुक्ति
- 30,020 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियोजन जल्द पूरा होगा
- 6421 प्रधानाध्यापकों के सृजित पदों पर भी नियुक्ति होगी शुरू
- प्रारंभिक विद्यालयों में तकरीबन 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरने का वादा।