सारस न्यूज टीम, बिहार
अब मानव बल नहीं बल्कि बिजली कंपनी के अभियंताओं को स्वयं मीटर की जांच करनी होगी। बिजली चोरी रोकने की कवायद में जुटी कंपनी ने इसका लक्ष्य तय कर दिया है। उन्हें सबूत के तौर पर अपनी सेल्फी भेजनी होगी।
बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली कंपनी अभियंताओं की नकेल कसने जा रही है। अधीक्षण अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को उपभोक्ताओं के परिसरों में स्वयं जाकर मीटर जांच का लक्ष्य तय कर दिया गया है। अभियंता सुबूत के तौर पर उपभोक्ता के परिसर से अपनी लाइव तस्वीर एसटीएफ एप पर भेजेंगे। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के महाप्रबंधक राजस्व अरविंद कुमार ने बताया कि मानव बल से परिसरों की जांच कराने की सूचना मिली थी। अब अभियंताओं को मीटर जांच का लक्ष्य दिया गया है। उन्हें मौके पर जाकर मीटर जांच करनी होगी। दूसरे को भेजकर खानापूर्ति पर रोक लगाने के लिए लाइव तस्वीरें एसटीएफ एप में डालने को कहा गया है।
महाप्रबंधक राजस्व ने बताया कि विद्युत अधीक्षण अभियंता को प्रत्येक माह 50 परिसरों की जांच करनी है। उन्हें अपनी तस्वीर भी भेजनी है। इसी प्रकार कार्यपालक अभियंता 100 परिसर, सहायक अभियंता 200 परिसर और कनीय विद्युत अभियंता 300 परिसरों की जांच करेंगे।
महाप्रबंधक ने बताया कि राज्य की कई प्रशाखाओं में बिजली चोरी की एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तय लक्ष्य के अनुसार कार्य नहीं करने वाले अभियंताओं पर सख्त कार्रवाई होगी। तय लक्ष्य की समीक्षा मासिक बैठक में होगी। अभी अधीक्षण अभियंता अपने-अपने क्षेत्र के बिजली चोरी, परिसरों की जांच की रिपोर्ट भी सौंपेंगे।