सारस न्यूज टीम, औरंगाबाद, बिहार।
औरंगाबाद शहर में एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण ठेले से अस्पताल लाना पड़ा है। बिहार का स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र से अस्पताल तक निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था से पहुंचाने का दंभ भरता रहता है लेकिन लगता है कि सच्चाई इससे कोसों दूर है। ग्रामीण क्षेत्र की बात तो दूर, औरंगाबाद शहर के दानी बीघा में रहने वाले एक महादलित परिवार को एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण अपनी बहू को ठेले से सदर अस्पताल लाने को मजबूर होना पड़ा।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस की निशुल्क सेवा प्रदान कर प्रसव पीड़ा से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक लाने एवं प्रसव पश्चात घर तक पहुंचाने की व्यवस्था पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च करती है। यही नही, इसके लिए खूब प्रचार प्रसार भी करती है। इसके बावजूद शहर में स्थिति ऐसी है कि महादलित परिवार ठेले से अपने घर की गर्भवती को सदर अस्पताल लेकर आया।
सदर अस्पताल में अपनी बहु को प्रसव कराने पहुंचे ससुर धर्मेंद्र ने बताया कि उसकी बहू काजल को बुधवार की शाम प्रसव वेदना शुरू हुई तो एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं मिलने के कारण वह उसे, अपनी दिव्यांग पत्नी एवं दूधमुंहे पोते को ठेला पर बैठा कर सदर अस्पताल पहुंचाया और यहां भर्ती कराया।