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बिहार के लगभग 3500 से ज्यादा स्कूलों के 6 लाख बच्चों को मिड-डे-मील नहीं मिल रहा।

सारस न्यूज टीम, दानापुर।

बिहार के लगभग 3500 से ज्यादा स्कूलों के 6 लाख बच्चों को मिड-डे-मील नहीं मिल रहा। कारण-कहीं चावल नहीं है, तो कहीं पानी का अभाव। नई व्यवस्था में वेंडर द्वारा तेल, मसाला आदि सामग्री की आपूर्ति नहीं हो रही। कुछ स्कूलों में रसोई गैस के अभाव में बच्चों का खाना नहीं बन रहा। कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां कोरोना से रसोइया की मौत हो गई थी और नया रसोइया नहीं रखा गया है। रसोइया नहीं होने से भी मिड डे मील नहीं बन पा रहा। 

केस 1

पटना दानापुर के प्राथमिक विद्यालय अभिमन्युनगर में दो माह से अधिक समय से चापाकल खराब है। पानी की कमी से यहां बच्चों का खाना नहीं बन रहा है। बच्चे घर से खाना ला रहे हैं। पीने के लिए पानी भी घर ले लाते हैं। पेयजल की आपूर्ति सही करने के लिए पत्र भी लिखा गया है, लेकिन कब तक सही होगा, तय नहीं।

केस 2

पटना दानापुर के मुस्तफापुर मध्य विद्यालय के बच्चों को पानी के बिना पिछले दो माह से अधिक समय से मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा है। दो कमरे के स्कूल में कक्षा एक से आठ तक की कक्षा चलती है। कुल नामांकन 173 है। रोजाना लगभग 100 बच्चे आते हैं। भीषण गर्मी में बच्चे और स्कूल के शिक्षक घर से पीने का पानी ला रहे थे। स्कूल परिसर में अतिक्रमण है। अब चापाकल ठीक हुआ है, लेकिन रसोई गैस की कमी से मिड डे मील नहीं बना।

केस 3

पटना फुलवारीशरीफ के प्राथमिक विद्यालय मैनपुरा झुग्गी-झोपड़ी प्राथमिक विद्यालय में तो कोरोना के बाद जब से स्कूल खुले हैं, तब से बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल रहा हे। यहां चापाकल खराब पड़ा है। पानी के अभाव में मिड डे मील नहीं बन रहा। बच्चे और शिक्षक बोतल में घर से पानी लाते हैं। कुछ बच्चे पानी पीने के लिए कक्षा छोड़ घर चले जाते हैं।

केस 4

पटना फुलवारीशरीफ के पसही झुग्गी-झोपड़ी प्राथमिक विद्यालय में भी कोरोना के बाद जब से स्कूल खुले हैं, तब से मिड डे मील बंद है। यहां का चापाकल भी खराब पड़ा है। हर घर नल का जल का पाइप तोड़ दिया गया है। पानी के अभाव में मिड डे मील नहीं बन रहा है। बच्चे और शिक्षक घर से पानी लेकर आते हैं।

केस 5

धनश्यामपुर बालिका मध्य विद्यालय खगौल में भी पिछले कई महीनों से मिड डे मील नहीं बन रहा है। यहां चावल भी है और पानी भी, लेकिन शिक्षा समिति गठन नहीं होने से यहां मिड डे मील बंद है।

विभाग की पहल
चावल की कमी की रिपोर्ट जिलों से मुख्यालय को मिली। इस मुद्दे पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले मॉनिटरिंग सेल को मिड डे मिल के लिए SFC द्वारा चावल उपलब्ध नहीं कराने की रिपोर्ट लगातार भेजी जा रही है। खाना पकाने के लिए पेयजल की कमी दूर करने के लिए 20 अप्रैल को पीएम पोषण योजना के निदेशक ने सभी DPO (पीएम पोषण योजना) को पत्र भेजा था। इसमें कहा गया था कि पीएचईडी के साथ समन्वय स्थापित कर अविलंब पेयजल की समस्या का समाधान कराएं।

अलग-अलग करणों से कुछ स्कूलों में मिड डे मील नहीं बन रहा है। चावल की आपूर्ति के लिए खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संपर्क किया गया है। पानी की बिहार में कमी नहीं है। जहां चापाकल आदि खराब हैं, उन्हें ठीक कराने के लिए कहा गया है। कोरोना काल में कई स्कूलों में रसोइया की मौत हुई थी। अब रसोइया बहाली के लिए डीएम को अधिकार दिया गया है। एमडीएम में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।

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