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बिहार बजट की 10 बड़ी बातें, लड़कियों को मिलेंगे 50 हजार, घर तक पक्की नली-गलियां

सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।

बिहार के वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 22 फरवरी, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2021-22 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 7,57,026 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में 2020-21 में जीएसडीपी में 4.7% की वृद्धि अनुमानित है (बजट अनुमान 11.1% थे)। 
  • 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,18,303 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2020-21 में कुल व्यय, बजट अनुमान से 6% अधिक होने की उम्मीद है (13,697 करोड़ रुपए की वृद्धि)।
  • 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,86,697 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां बजट अनुमान से 9,684 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (5% की गिरावट)।
  • 2021-22 के लिए राजस्व अधिशेष 9,196 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जोकि जीएसडीपी का 1.21% है। 2020-21 में (संशोधित अनुमान) राज्य को 5,187 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 0.8%)।
  • 2021-22 में राजकोषीय घाटा 22,511 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 2.97%)। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.77% अनुमानित है जो जीएसडीपी के 2.97% के बजट अनुमान से काफी अधिक है।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में बिहार के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (बिहार सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • सशक्त महिला सक्षम महिला योजना के तहत इंटर उत्तीर्ण पर अविवाहित महिला को 25 हजार, स्नातक उत्तीर्ण होने पर 50 हजार की मदद की जा रही है. 2022-23 में 900 करोड़ का प्रावधान
  • शिक्षा: 2021-22 में बिहार ने शिक्षा के लिए बजट का 19% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में बिहार का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.3% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 3.7% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से कम है।
  • ग्रामीण विकास: 2021-22 में बिहार ने ग्रामीण विकास के लिए 11.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से काफी ज्यादा है।
  • पुलिस: 2021-22 में बिहार ने पुलिस के लिए 5.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से ज्यादा है। 
  • सड़क और पुल: 2021-22 में बिहार ने सड़कों और पुलों के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।

    नीतिगत विशिष्टताएं
  • सात निश्चय योजना-2: राज्य 2021-22 में सात निश्चय योजना-2 को लागू करेगा। 2021-22 में इस कार्यक्रम के लिए 4,671 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • सात निश्चय-2 के अंतर्गत मुख्य योजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) पॉलिटेक्निक्स और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना, (ii) हर जिले में मेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर और हर डिविजन में टूल रूम्स का स्थापना, (iii) नए व्यवसाय शुरू करने के लिए युवाओं और महिलाओं को सबसिडियुक्त ब्याज दरों पर पांच लाख रुपए तक का अनुदान और पांच लाख रुपए तक के लोन, (iv) बालिकाओं को नकद प्रोत्साहनः सीनियर सेकेंडरी पूरी करने पर 25,000 रुपए और ग्रैजुएशन पूरी करने पर 50,000 रुपए, (v) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेलीमेडिसिन, पैथोलॉजी, डायबिटीज़-ब्लड प्रेशर इत्यादि की स्क्रीनिंग का प्रावधान, और (vi) शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों और भूमिहीन गरीबों के लिए आवास और वृद्धों के लिए सभी शहरों में शेल्टर होम्स। 
  • शिक्षा: डिजिटल बिहार कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा छह और उससे ऊपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों को 2021-22 से कंप्यूटर शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा। राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने और 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल दाखिला अनुपात को बढ़ाकर 50% करने के लिए कदम उठाएगी।

    2021-22 के लिए बजट अनुमान
  • 2021-22 में 2,18,303 करोड़ रुपए के कुल व्यय का अनुमान है। इसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,86,697 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 31,805  करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 23% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
  • 2021-22 के लिए राज्य ने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 2.97% अनुमानित किया है। यह 2021-22 में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के राजकोषीय घाटे की 4% की अनुमत सीमा से कम है। आर्थिक बहाली को सहयोग देने के लिए व्यय बढ़ाने हेतु एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत राज्यों को 3% की सामान्य सीमा से अधिक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी गई है। 2021-22 में राज्य ने 9,196 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है जोकि 2019-20 में राजस्व अधिशेष से काफी अधिक है (263% की वार्षिक वृद्धि)।
  • 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट अनुमान से 5% कम होने की उम्मीद है जबकि कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 6% अधिक होने का अनुमान है। पिछले पांच वर्षों में राज्य में राजस्व अधिशेष हुआ है लेकिन 2020-21 में यह अनुमान है कि 5,187 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा होगा (जीएसडीपी का 0.80%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.77% होना अनुमानित है (संशोधित अनुमानों के अनुसार) जोकि 2020-21 में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के राजकोषीय घाटे की 5% की अनुमत सीमा से अधिक है।   

2021-22 में व्यय

  • 2021-22 में पूंजीगत व्यय 41,231 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 43% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय (30,788 करोड़ रुपए) में 2019-20 की तुलना में 58% की वार्षिक वृद्धि अनुमानित है। 
  • 2021-22 के लिए 1,77,071 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 9% अधिक होने का अनुमान है।
  • संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2020-21 में जबकि राजस्व व्यय बजट अनुमान से 9% अधिक अनुमानित है, पूंजीगत परिव्यय के 3% कम होने का अनुमान है।

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