सारस न्यूज, पटना।
बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज के तहत जिला परिषद की व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इस बदलाव के बाद पंचायती राज विभाग की भूमिका और बढ़ गई है। राज्य में जिला परिषद के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेवारी जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) को दे दी गई है। मंगलवार को जारी पंचायत राज विभाग के आदेश में कहा गया है कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी स्वत: जिला परिषद के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के प्रभार में आ गए हैं।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि इससे पहले उप विकास आयुक्त (डीडीसी) मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी होते थे। इसके लिए कानून बनाकर नई व्यवस्था की गई है। पंचायती राज विभाग का आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिया गया है। उनसे अपेक्षा की गई है कि तत्काल प्रभाव से नई व्यवस्था लागू करें। हालांकि ग्रामीण विकास से जुड़ी जिला परिषद की योजनाओं के कार्यान्वयन में डीडीसी की भूमिका में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मालूम हो कि इससे पहले प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को प्रखंड समिति का प्रभार दिया गया था। इसके लिए सभी प्रखंडों में स्थायी या प्रभारी पंचायत राज पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। अब पंचायती राज विभाग के नियंत्रणाधीन विभिन्न जिलों में पदस्थापित जिला पंचायत राज पदाधिकारी को अपने कार्यों के अतिरिक्त जिला परिषद अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार दिया गया है।