राजीव कुमार, सारस न्यूज़ वेब डेस्क।
जी हाँ, ये बिलकुल सच है। निति आयोग की हल की रिपोर्ट के मुताबिक देश में बिहार सबसे गरीब राज्य है और और बिहार के 38 जिलों में से किशनगंज सबसे गरीब जिला है। परोसी अररिया जिला दूसरे नंबर है।
नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जिलों में 60 फीसदी लोग अमीर वर्ग के हैं, जबकि 11 जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा लोग गरीब वर्ग के हैं। सीमांचल क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज जिले में 64.75 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहते हैं, इसके बाद अररिया (64.65 प्रतिशत), मधेपुरा जिला (64.43 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (64.13 प्रतिशत), सुपौल (64.10 प्रतिशत), जमुई (64.01 प्रतिशत), सीतामढ़ी (63.46 प्रतिशत), पूर्णिया (63.29 प्रतिशत), कटिहार (62.80 प्रतिशत), सहरसा (61.48 प्रतिशत) और शिवहर (60.30 प्रतिशत) है।
इस बीच, जिन जिलों में 50 फीसदी लोग गरीब श्रेणी में आते हैं, वे मुंगेर (40.99 फीसदी), रोहतास (40.75 फीसदी), सीवान (40.55 फीसदी) और भोजपुर (40.50 फीसदी) हैं।
पटना में अमीरों की संख्या सबसे ज्यादा मानी जाती है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 29.20 प्रतिशत पटना में अमीरों की श्रेणी में आते हैं, इसके बाद मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जिले हैं।
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फटकार लगाते हुए कहा कि बाद वाले को “खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी सहित हर क्षेत्र में सबसे नीचे पहुंच गया है”।