सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार लोक सेवा आयोग ने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 पदों पर प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए बंपर वैकेंसी निकाली हैं। मांगे बीपीएससी ने विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगी हैं।बिहार में सरकारी नौकरी करने की चाहत रखने वालों के लिए शानदार मौका आया है। राज्य सरकार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 पदों पर हेडमास्टर यानी प्रधानाध्यापक के पदों पर बहाली करने जा रही है। इन पदों पर वेतनमान 35 हजार रुपए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से अनुमान्य भत्तों का भुगतान भी किया जाएगा। राज्य के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दिया है।
28 मार्च तक कर सकते हैं आवेदन:-
बीपीएससी की ओर से 6 हजार 421 पदों पर नियुक्ति के लिए आनलाइन आवेदन शनिवार से आरंभ होगा। इसके लिए लिंक और आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी आयोग की वेबसाइट (www.bpsc.bih.nic.in) पर अपलोड कर दी गई है। अभ्यर्थी 28 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में त्रुटि की स्थिति में चार अप्रैल सुधार के लिए पोर्टल ओपन रहेगा।
पीजी में 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य:-
आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 50 प्रतिशत अंकों के साथ पीजी उत्तीर्ण होना जरूरी है। एससी-एसटी, ईबीसी, बीसी, दिव्यांग, महिला एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत की छूट है। अभ्यर्थी को मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड, बीएएड, बीएससी एड पास होने के साथ ही 2012 या उसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा में क्वालीफाई होना जरूरी है।
आठ से 12 वर्ष तक की नियमित सेवा जरूरी;-
प्रधानाध्यापक बनने के लिए न्यूनतम अनुभव सीमा भी तय की गई है। इसके तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय के अधीन माध्यमिक शिक्षक पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा, सीबीएसई, आइसीएसई,बीएसईबी से स्थायी संबद्धता प्राप्त विद्यालय में माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 12 वर्ष की लगातार सेवा जरूरी है। राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय के तहत उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की सेवा देने वाले तथा सीबीएसई, आइसीएसई, बीएसईबी से स्थायी संबद्धता प्राप्त विद्यालय में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यनूतम आठ वर्ष की लगातार सेवा जरूरी है। बीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि अनुभव संबंधित सभी प्रमाण पत्र 28 मार्च, 2022 के पहले जारी होना चाहिए। इसके अभाव में उम्मीदवारी रद कर दी जाएगी।
31 से 47 वर्ष उम्र सीमा निर्धारित:-
आयोग के अनुसार पंचायत व नगर निकाय के अधीन कार्यरत शिक्षक के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा अलग से निर्धारित नहीं की जाएगी। सीबीएसई, आइसीएसई, बीएसईबी से संबद्धता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक अगस्त, 2021 को न्यूनतम आयु 31 वर्ष एवं अधिकतम 47 वर्ष होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी में सरकार के प्रविधान के अनुसार छूट दी जाएगी। सेवानिवृत्त होने के लिए 60 वर्ष निर्धारित है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के निर्देश के आलोक में भूतपूर्व सैनिकों को उम्र सीमा में तीन वर्ष तथा प्रतिरक्षा सेवा में बताई गई सेवा अवधि के योग के समतुल्य रियायत दी जाएगी। इसमें वास्तविक उम्र आवेदन की तिथि को 53 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
महिलाओं के लिए 2179 सीटें आरक्षित:-
महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। कुल सीटों में दो हजार 179 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के पोता, पोती, नाती, नतिनी के लिए कुल पदों का दो प्रतिशत आरक्षण सीमा दिया गया है। इसके तहत 128 पदों पर नियुक्ति होगी।
अरबी-फारसी व संस्कृत की डिग्री भी मान्य:-
आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की ओर से दी जाने वाली फाजिल की डिग्री तथा कामेश्वर ङ्क्षसह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से जारी आचार्य की डिग्री पीजी के समतुल्य मानी जाएगी।
केवल लिखित परीक्षा के आधार पर चयन:-
प्रधानाध्यापक के लिए केवल लिखित परीक्षा का आयोजन होगा। इसमें 150 प्रश्नों का जवाब देना होगा। सामान्य अध्ययन से 100 एवं बीएड कोर्स से 50 अंकों के प्रश्न होंगे। परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित है, जबकि 0.25 अंक गलत उत्तर के लिए काटे जाएंगे। प्रश्न अनुत्तरित रहने पर कोई अंक नहीं दिए जाएंगे। परीक्षा दो घंटे की होगी। लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 36.5 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों को 34 प्रतिशत एवं एससी-एसटी, महिलाओं एवं दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए 32 प्रतिशत न्यूनतम क्वालीफाई अंक रखा गया है।
प्रमंडल में विभाग की ओर से होगा पदस्थापना:
अंतिम रूप से सफल उम्मीदवारों के संवर्ग आवंटन संबंधी अधिमानता विभाग की ओर से होगा। इसमें चयन के बाद पदस्थापना च्वाइस के आधार पर संबंधित प्रमंडल के विभाग की ओर से किया जाएगा। शिक्षक अभ्यर्थी की योग्यता एवं अनुभव से संबंधित स्व-घोषणा के आधार पर उनकी उम्मीदवारी का मूल्यांकन किया जाएगा। विद्यालय से यह प्रमाणपत्र लेना होगा कि निर्धारित अवधि में उन्हें वेतन बैंक खाते के माध्यम से किया गया है। इसका साक्ष्य भी उपलब्ध कराना होगा।