शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अररिया:- पुलिस और पत्रकारों का रिश्ता चोली और दामन का रिश्ता माना जाता है। तथा दोनों ही समाज के आवश्यक अंग है। जहां एक और पुलिस समाज को सुरक्षा की भावना उत्पन्न करती है। तो वहीं दूसरी ओर एक पत्रकार अपनी कलम से सामाजिक विषमताओं और घटनाओं को निष्पक्षता के साथ निडर होकर उजागर करने का काम करता है। पुलिस और पत्रकार दोनों एक दूसरे के पूरक है। किंतु दिन प्रतिदिन पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार एक बड़ा सवाल बन गया है। पिछले कुछ समय से पत्रकारों के प्रति पुलिस का व्यवहार बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक रहा है। जिसके चलते पत्रकार के मान सम्मान को ठेस पहुंची है। कुछ पुलिसकर्मी पत्रकारों से दुर्व्यवहार कर पूरे पुलिस विभाग कि साख को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं।
ताजा मामला बिहार के अररिया जिले का है। अररिया जिले के भरगामा थाना में तैनात एसआई द्वारा पत्रकार के साथ गाली-गलौज व मारपीट करने के संबंध में स्थानीय पत्रकार दिलखुश कुमार झा ने अररिया पुलिस अधीक्षक को दिया आवेदन और न्याय की गुहार लगाई है। दिलखुश कुमार झा अपने आवेदन में बताया है कि मैं एक पोर्टल न्यूज का संपादक हूं । मुझे भरगामा के पोस्ट मास्टर द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी। जिसको लेकर मैं भरगामा थाना में आवेदन दिया जिसके बाद मुझे थाना अध्यक्ष आदित्य कुमार झा के द्वारा थाना बुलाया गया। संजय झा जिसने धमकी दी थी। उससे मांफी मंगवाकर व बौंड बनाकर मुझसे समझौता करने की सलाह दी गई। जिसको मैं मानने को तैयार हो गया उसके बाद थाना अध्यक्ष वहां से निकल गए हमलोग थाना में ही थे उसी बीच एसआई रवि दत्त शर्मा के द्वारा मुझे कमरे में ले जाकर मेरे साथ हाथापाई की साथ ही मोबाईल भी छीनने का प्रयास किया गया। स्थानीय पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर एसआई पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। वहीं इस मामले पर अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने भी एसपी से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने के लिए कहां है।

