बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत धनतोला पंचायत, जो भारत- नेपाल की सीमा से बिल्कुल सटा हुआ पंचायत है। इन पंचायतों में जब से मक्का की फसल की शुरुआत होती है उस समय से मक्का की फसल की खुशबू से नेपाल के उस पार जंगलों में बसे हुए हाथियों को इसकी भनक मिल जाती है और वह जंगल की ओर से रास्ता बदलकर भारतीय क्षेत्र में आकर अक्सर फसलों को रौंदकर बर्बाद करना शुरू कर देता है। इस दौरान ग्रामीणों के कच्चे घर को भी तोड़ देता है। ये अब स्थानीय सीमावासियों के लिए नियति ही बन गई है। वहीं वन विभाग के द्वारा इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार की रात्रि नेपाल के जंगलों से आये कुल छह जंगली हाथियों के झुंड ने कई घरों व फसलों को बर्बाद किया। इसमें डोरिया गांव निवासी पप्पू पांडे के रसोई घर को हाथियों ने तोड़ दिया। इसके बाद छह में से दो हाथी वार्ड 14 की ओर चले गए और बाकी चार कामत बिहारटोला की और रुख किया। वार्ड नंबर 14 में दोनों हाथियों ने महावीर सिंह के कच्चे घर को रौंद डाला। फिर घर में रखे धान को खा लिया।
वहां ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद दोनों हाथियों को खदेडऩे की काफी कोशिश की तब जाकर हाथियों का झुंड स्व. मंगलू गिरी व मु. तौली देवी समेत पवन गिरी के भी कच्चे घरों को भी तोड़ डाला और मंगलू गिरी व मु. तौली देवी के सभी घरों को इन जंगली हाथियों ने तहस-नहस कर करीब 13-14 बोरा धान को अपना निवाला बना लिया। हालांकि उनके घर में कुछ भी नहीं बचा ना ही घर ना ही अनाज। इधर दोनों हाथियों ने वार्ड 14 से जाने के बाद मुलाबाड़ी स्थित हीरालाल मंडल के आलू खेतों को रौंदते हुए पीपला गांव की और रुख किया।
हालांकि गांव वाले पहले से जगे थे इसलिए ये दोनों कोई नुकसान किये बगैर अपने बाकी के चार साथियों की और वापस आ गए। इस क्रम में शनिचर महतो दुर्गा मंदिर गांव के पास के रसोई घर को भी नहीं छोड़ा। इतना पही नहीं कामत स्कूल के पास एक घर को और नुकसान पहुंचाकर धान के बोरी को नष्ट कर दिया। इस बीच ग्रामीण ढोल, टीन, ताली, थाली पीटते रहे कुछ पुवाल में आग लगाकर तो कुछ मन ही मन विनती कर हाथियों को अपने से दूर करने का प्रयास कर रहे थे। इतना सब करने के बाद हाथियों का झुंड देर रात वापस जंगल की और चला गया।