सारस न्यूज टीम, पटना।
राज्य सरकार ने अनुदान पर संचालित 229 संबद्ध डिग्री कालेजों से शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन भुगतान की रिपोर्ट मांगी है। जो कालेज अनुदान और आतंरिक संसाधनों से प्राप्त आय का व्यय विवरणी की जानकारी नहीं देगा, उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हो सकती है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस संबंध में आगाह करते हुए कहा है कि शिक्षकों और कर्मियों को पारदर्शी तरीके से डीबीटी के माध्यम से वेतन भुगतान सुनिश्चित करें, अन्यथा विधि-सम्मत कार्रवाई होगी।
ऐसे कालेजों के प्रबंधकों को आतंरिक स्रोत से प्राप्त आय का 70 प्रतिशत राशि वेतन पर खर्च करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे कालेजों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन भुगतान में मनमानी की शिकायतों को शिक्षा मंत्री ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने कालेजों के प्रबंधकों को हिदायत देते हुए कहा है कि शिक्षकों से लगातार मिल रही शिकायतों पर सरकार बेहद गंभीर है। शिक्षकों और कर्मियों को पारदर्शी तरीके से डीबीटी के माध्यम से तत्काल प्रभाव से वेतन भुगतान सुनिश्चित करें, अन्यथा राज्य सरकार विधिसम्मत कार्रवाई करने पर बाध्य होगी।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि परीक्षाफल आधारित अनुदान पाने वाले चाहे इंटर स्कूल हों या फिर संबद्ध डिग्री कालेज, उनके प्रबंधकों को संस्थान की आय का 70 प्रतिशत राशि को शिक्षकों एवं कर्मियों को वेतन खर्च करना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था से चालू वित्तीय वर्ष से डिग्री कालेजों के शिक्षकों एवं कर्मियों को वेतन भुगतान की डीबीटी के माध्यम से व्यवस्था लागू की गयी है। साथ ही, अब अनुदान पाने के लिए इंटर स्कूलों एवं संबद्ध डिग्री कालेजों के प्रबंधकों को पिछले वर्ष में प्राप्त अनुदान का शत-प्रतिशत खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र, शिक्षकों एवं कर्मियों को डीबीटी से किए गए वेतन भुगतान की बैंक विवरणी और संस्थान की आय से वेतन पर खर्च 70 फीसद राशि का पूरा विवरण शिक्षा विभाग को देना होगा। इसके साथ ही ऑडिटर से अंकेक्षण रिपोर्ट भी लगानी होगी। ये शर्तें पूरा करने पर ही अनुदान का पैसा मिलेगा।