सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज।
बिहार सरकार ने प्लास्टिक की वजह से पर्यावरण पर बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक को राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। एक जुलाई से फैसला अमल में आए इसके पूर्व मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव से लेकर प्रमंडलों के आयुक्तों और जिलाधिकारियों को सरकारी कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकारी कार्यालय में कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग हो, इसके लिए आवश्यक है कि बैठकों में प्लास्टिक की बोतल में इस्तेमाल होने वाले पानी पर रोक लगाई जाए। प्लास्टिक की बोतल के स्थान पर कांच, फ्लास्क, स्टील की बोतल या ग्लास का उपयोग किया जाए। आगंतुकों के लिए कार्यालयों में वाटर प्यूरीफायर लगाएं, ताकि उन्हें भी स्वच्छ पीने का पानी मिल सके।
मुख्य सचिव के जारी पत्र में कहा गया है कि सरकारी मेहमानों का स्वागत करने या बैठकों के पूर्व माननीयों के स्वागत के लिए प्लास्टिक में लिपटे गुलदस्ते देने का रिवाज है। ऐसे बुके में प्लास्टिक का अत्याधिक उपयोग होता है। ऐसे बुके पर रोक लगाए और सम्मान देने के लिए बुके के स्थान पर मेहमानों को एक फूल देने की रस्म शुरू की जाए।
मुख्य सचिव ने सभी सरकारी कार्यालयों में दस्तावेजों को रखने में प्रयोग आने वाले प्लास्टिक के फोल्डर पर भी रोक लगा दी है। आदेश है कि अधिकारी प्लास्टिक के फोल्डर और फाइल के स्थान पर कागज के बने फोल्डर फाइल उपयोग करें। इसके साथ से आफिस से निकलने वाले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं। कूड़े का निपटारा ऐसा करें ताकि उन्हें रिसाइकिल किया जा सके।