सारस न्यूज टीम, पटना।
विशेष भूमि सर्वेक्षण से जुड़े चार हजार से अधिक संविदाकर्मी जल्द काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलों में तैनात बंदोबस्त पदाधिकारियों को हड़ताली संविदाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, विशेष कानूनगो, अमीन और लिपिक वेतन की मांग पर एक जून से हड़ताल पर हैं। इनकी संख्या चार हजार से अधिक है। हड़ताल के कारण 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण ठप है। विभाग और हड़ताली संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत भी चल रही है। सोमवार को पहले दौर की बातचीत हुई। मंगलवार को भी सरकार और हड़तालियों के प्रतिनिधि आमने-सामने बैठेंगे। उसमें विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा एवं निदेशक जय सिंह के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
बताते चलें कि संविदाकर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं नहीं मिला है। राज्य सरकार ने इस मद में आवंटन का विस्तार नहीं किया था। कैबिनेट की पिछली बैठक में आवंटन और संविदाकर्मियों के सेवाकाल के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इधर हड़ताल पर गए संविदाकर्मियों की मांग बढ़ गई है। नियमित वेतन के अलावा ये स्थायी सेवा की मांग कर रहे हैं। इनका कहना था कि उन्हें सरकारी सेवकों की तरह ही सभी सुविधाएं चाहिए। उधर विभाग का कहना है कि इनकी बहाली ही सीमित और खास प्रयोजन के लिए हुई है। संविदा में यह लिखा भी है कि नियोजन अस्थायी है। भूमि सर्वेक्षण और इनका सेवाकाल एक साथ समाप्त होगा।
विभाग इस आधार पर इन्हें हड़ताल से वापस बुलाना चाह रहा है कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यही उनकी मुख्य मांग थी। सरकार प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है। जिला बंदोबस्त पदाधिकारियों को भी कहा गया है कि वे अपने स्तर से इन्हें काम पर लौटने के लिए राजी करें। हड़तालियों के जिला नेतृत्व को साफ-साफ बता दें कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद काम पर न लौटने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी।