सारस न्यूज टीम, बिहार
सोमवार का व्रत तीन प्रकार का होता है. इसमें साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार शामिल हैं. तीनों ही व्रत का विधि-विधान और पूजा के नियम एक समान ही हैं. इनमें एक बार भोजन करना चाहिए.
सोम का एक अर्थ सौम्य भी होता है. भगवान शंकर को बहुत ही शांत देवता माना जाता है. सहज, सरल और विनम्र होने की वजह से सोमवार दिन के अधिपत्य देवता कहलाते हैं. ऐसे में इनके पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. तो आज हम आपको इस व्रत के नियम बता रहे हैं. साथ ही यह भी बता रहे हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें.
सोमवार व्रत के प्रकार और नियम
सोमवार का व्रत तीन प्रकार का होता है. इसमें साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार शामिल हैं. तीनों ही व्रत का विधि-विधान और पूजा के नियम एक समान ही हैं. इनमें एक बार भोजन करना चाहिए.
सोमवार व्रत के नियम
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र ग्रहण करें.
यदि संभव हो तो मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें और व्रत की कथा जरूर सुनें.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत में तीन पहर में एक बार ही भेजना करना चाहिए.
व्रत में फलाहार लिया जा सकता है.
सोमवार के दिन स्नान करने के बाद 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
जरूर करें ये काम
सिर पर भस्म का तिलक लगाएं.
सोमवार को निवेश करना अच्छा माना गया है.
यदि आप सोना, चांदी या शेयर में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सोमवार को चुनें.
दक्षिण, पश्चिम और वायव्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं.
इस दिन गृह निर्माण का शुभारंभ कर सकते हैं.
शपथ ग्रहण, राज्याभिषेक या नौकरी ज्वॉइन करने के लिए शुभ दिन.
ये कार्य न करे
इस दिन उत्तर, पूर्व और आग्नेय में यात्रा नहीं कर सकते.
जब कुंडली में चंद्र ग्रह उच्च दशा में हो तो, किसी को सफेद वस्त्र या दूध दान में न दें.
इस दिन शक्कर का त्याग कर दें.
चन्द्रमा कष्ट दे रहा हो तो रात को दूध या पानी से भरा बर्तन सिरहाने रखकर सो जाएं और सुबह पीपल के पेड़ में डाल दें.