बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी आयु की कामना की। रंग-बिरंगी साड़ी, इंडो वेर्स्टन साड़ी, घाघरा चोली और गाउन और सलवार कमीज में सजी-धजी महिलाएं बेहद खुबसूरत लग रही थी। किसी ने ब्यूटी पार्लर का सहारा लिया तो किसी ने घर में ही श्रृंगार किया। वहीं इस अवसर को लेकर सुबह से ही घरों में रौनक लगी रही। सरघी की रस्म पूरी की गई। कई परिवारों में व्रती महिलाओं ने निर्जल रहकर उपवास रखा तो कई परिवारों में फलाहार लेकर व्रत का पालन किया गया। महिलाओं ने करवा चौथ की कथा सुनी। परिवार की बुजुर्ग महिलाओं से आशीर्वाद लिया गया। कहीं-कहीं पर उद्यापन की विधि पूरी की गई। वहीं थाली बदल की रस्म भी निभाई गई। ले वीरों कुड़ी करवड़ा, ले सरब सुहागन करवड़ा, ले करवड़ा बटाइये, जे वंदा झोली पाइये गीत को गाते हुए थाली बदल की रस्म निभाई गई। गोबर और माटी से वीरों कुड़ी बनवाई गई। कुड़ी का श्रृंगार किया गया। उसे सजाया गया। सामूहिक रूप से कथा सुनी गई। रात्रि में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया गया। महिलाओं का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही थी। किंतु करवा चौथ के दिन मौसम बिल्कुल साफ हो गया। ऐसे में चांद का दर्शन भी हो गया। पति के लिए उपवास रख बेहद खुशी मिलती है। इसके साथ ही कई पतियों ने भी अपने पतियों के साथ व्रत रखा। उन्होंने भी सारे दिन उपवास रखकर रात को चांद का दर्शन कर व्रत का पारण किया। करवा चौथ को लेकर चारों ओर उत्साह का वातावरण नजर आया।