बीरबल महतो, सारस न्यूज़, गलगलिया।
कोरोना महामारी के कारण पिछले 17 महीने से बंद भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा के भद्रपुर-गलगलिया बॉर्डर को खोलने को लेकर नेपाल के उद्योगपतियों ने नेपाल सरकार से मांग की है। भद्र पुर सीमा को फिर से खोलने की मांग को लेकर झापा उद्योग संघ जिला कार्य समिति ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउ बा को ज्ञापन भेजा है। झापा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष यम बहादुर श्रेष्ठ के नेतृत्व में एक टीम ने मांग के साथ झापा के मुख्य जिला अधिकारी श्रवण कुमार तामिली को एक ज्ञापन सौंपा। मुख्य जिला अधिकारी तामिली ने कहा कि उद्योगपतियों की मांगों को लेकर जल्द से जल्द ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा। प्रधानमंत्री को सौंपे गए इस ज्ञापन के अनुसार जिले के पुराने शहर के रूप में जाना जाने वाला भद्र पुर आर्थिक विकास में पिछड़ रहा है और इसका कारोबार घट रहा है। जिससे क्षेत्र के व्यापारी और उद्यमी धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं। विकास के अन्य चरणों में विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे भद्र पुर के लोग कोरोना काल की शुरुआत से ही भारतीय सीमांत क्षेत्र गलगलिया, देवी गंज से जुड़े हुए हैं। कई वर्षों की मशक्कत के बाद बने मे ची ब्रिज के उद्घाटन के बावजूद भद्र पुर चौकी को बंद करने की अवधि 17 माह तक पहुंच गई है। इस बीच जिले के अंदर और बाहर कई चौकियों को खोलकर बंद कर दिया गया है, लेकिन भद्र पुर चौकी को अभी तक दोबारा नहीं खोला गया है। भद्र पुर चौकी बंद होने के बाद से ही वे इन सब परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि स्वास्थ्य सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करें और हाथ से हाथ मिलाकर काम करें और कोविड-19 के खतरे से बचने के हर संभव प्रयास में सहयोग करें। भद्र पुर सहित दक्षिणी क्षेत्र के निवासी अधिक शुल्क और समय के कारण कांकरभिट्ठा नाका पहुंचने को मजबूर हैं।