सारस न्यूज़ वेब डेस्क।
28 भारतीय सिखों का पहला जत्था बुधवार को पाकिस्तान के श्रद्धेय गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में वीजा-मुक्त गलियारे का उपयोग करके पहुंचा, जत्थे में महिलाएं भी शामिल थी। मार्च 2020 में कोविड -19 के कारण यात्रा बंद होने के बाद तीर्थयात्रा को लगभग 20 महीने बाद यह मौका मिला।
तीर्थयात्रियों ने गुरुद्वारे में कई घंटे बिताए और भारत वापस जाने से पहले धार्मिक अनुष्ठान किए।
करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ता है, जहां गुरु नानक देव रहते थे और 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर में रहते थे। 4 किमी लंबा कॉरिडोर भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने के लिए वीजा मुक्त व्यवस्था प्रदान करता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर कॉरिडोर के दोबारा खुलने को ‘अच्छा विकास’ बताया। कुरैशी ने बुधवार को इस्लामाबाद में संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान के लोगों की ओर से सिख तीर्थयात्रियों का स्वागत करता हूं। सिख तीर्थयात्री आज से इस गलियारे के माध्यम से अपने पवित्र स्थानों के दर्शन करने आएंगे।”