सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दो साल के भीतर दूसरी बार एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में मान्यता दी है। यह वायरस कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में फैलने के बाद अब पड़ोसी देशों में भी देखा जा रहा है।
विशेष रूप से क्लैड आईबी नामक एक नए वायरस स्ट्रेन ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। यह नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है और इसके बारे में अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। एमपॉक्स आमतौर पर संपर्क में आने से फैलता है, और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दो प्रकार के वायरस प्रचलित हैं—स्थानीय क्लैड और नया क्लैड आईबी, जो यौन संबंधों के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता है।
जनवरी 2023 से अब तक कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एमपॉक्स के 27,000 मामले सामने आए हैं, जिनमें 1,100 से अधिक मौतें शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। WHO ने संक्रमित देशों की सूची जारी की है, जिसमें स्वीडन, बुरुंडी, केन्या, रवांडा, और युगांडा शामिल हैं।
पाकिस्तान में एमपॉक्स के बढ़ते मामलों पर सतर्कता
पाकिस्तान ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए हवाईअड्डों और सभी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों को संदिग्ध लक्षणों वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग को कड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने प्रवेश बिंदुओं की मौजूदा प्रणालियों को भी मजबूत करने का निर्देश दिया है।
पाकिस्तान में इस साल एमपॉक्स के पहले तीन मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हाल ही में एक संदिग्ध मामला सामने आया था, जिसके बाद नेशनल कमांड और ऑपरेशन सेंटर (NCOC) ने इस रोग के प्रबंधन के उपायों पर परामर्श जारी किया। इसके बाद दो और मामलों की पुष्टि की गई है। पिछले साल पाकिस्तान में भी तीन मामलों की रिपोर्ट मिली थी।
भारत को सतर्क रहने की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने को देखते हुए सावधान रहने की जरूरत है। पाकिस्तान में संक्रमण के मामलों की रिपोर्ट के बाद खतरा बढ़ गया है। जुलाई 2022 में भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। 2023 के जुलाई अंत तक, देश में मंकीपॉक्स के कुल 27 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 12 केरल से थे। इस साल अब तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई नया मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है।