सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
ड्रोन-सक्षम कोच क्लीनिंग ऑपरेशन का आगाज़
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कामाख्या स्टेशन में पहली बार ड्रोन आधारित कोच एवं स्टेशन की ऊँची व मुश्किल क्षेत्रों की सफाई शुरू की है। इस प्रदर्शनी में स्टेशन के ऊपरी हिस्सों, डोम, कोचों की छतें, कोच डिपो की सिकल लाइन और अंडर‑फ्लोर व्हील लैथ शेड शामिल थे।
तेज़, सटीक और सुरक्षित सफाई
NFR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि ड्रोन तकनीक ने ऊँची और कठिन पहुँच वाले क्षेत्रों में सफाई को आसान, तेज़ और अधिक सटीक बनाया है, साथ ही जोखिम भरे मैन्युअल कार्यों पर निर्भरता में कमी की है। इस पहल से सफाई के मानकों में सुधार होगा और स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
आधुनिक रेल रख‑रखाव की दिशा में कदम
यह कदम भारतीय रेलवे की ‘उन्नत रख‑रखाव प्रथाओं’ की रणनीति के अनुरूप है। NFR इस तकनीक को अन्य बड़े स्टेशनों और ट्रेनों में विस्तार देने की योजना बना रहा है। इससे सफाई अभियान तेज़, कुशल और मानक‑अनुरूप होंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर ‘ड्रोन से ट्रेन की सफाई’ का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें यह दिखाया गया कि ड्रोन छत और अन्य ऊँचे स्थानों से धूल और गंदगी को कितना प्रभावी रूप से हटा सकता है। इसे हजारों लोग देख चुके हैं और इस पहल की काफी प्रशंसा की जा रही है।
सारांश
- NFR ने कामाख्या स्टेशन पर नौवां-खेल रूप में ड्रोन आधारित सफाई शुरू की है।
- ऊँचे स्थानों की सफाई में यह पहल तेज़, सुरक्षित और सटीक साबित हुई।
- मैन्युअल श्रम की निर्भरता में कमी हुई और स्टेशन की स्वच्छता में सुधार की उम्मीद है।
- सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के साथ ही जनता की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही।
यह पहल भारतीय रेलवे को डिजिटल और स्मार्ट प्रणाली की दिशा में एक और क़दम आगे बढ़ाती है।