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उत्तर बिहार के लोगों के लिए पटना की राह हुई आसान, गडकरी व नीतीश ने महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन सहित 15 योजनाओं का किया शिलान्यास व उद्घाटन।

सारस न्यूज टीम, पटना।

बिहार के साथ हाजीपुर से पटना प्रतिदिन आने-जाने वाले हजारों लोगों के लिए दशकों के कष्ट के बाद अब कुछ ही घंटों में राह आसान हो गई। महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन पर सुपर स्ट्रक्चर को बदलने का काम पूरा होने के बाद इसे आम यातायात के लिए खोल दिया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाजीपुर में आयोजित समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पूर्वी लेन का उद्घाटन किया।
हाजीपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान द्वय नेताओं ने संयुक्त रूप से 13 हजार 585 करोड़ की लागत से कुल 15 परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया। गांधी सेतु के दोनों लेन से गाड़ियों का परिचालन शुरू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के लोगों के लिए यात्रा सुगम हो गयी। इसके उद्घाटन के बाद पटना शहर में ट्रैफिक का दबाव भी कम हो जाएगा।अब तक महात्‍मा गांधी सेतु की केवल पश्चिमी लेन पर ही परिचालन हो रहा था। इधर, चंद किलोमीटर के फासले पर स्‍थि‍त जेपी सेतु से भी वाहन पटना आ-जा रही हैं। हालांकि, उत्तर बिहार से पटना आने-जाने वाली अधिकतर भारी वाहन गांधी सेतु से ही आती-जाती हैं। इसके कारण सेतु पर अक्सर जाम की स्थिति रहती थी। हाजीपुर से पटना प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों के साथ ही उत्तर बिहार के लोगों को जल्द ही जाम की समस्या से मुक्ति मिल गई।
गांधी सेतु पर अक्सर जाम लगने को लेकर ही करीब पांच वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने सेतु के समानांतर पीपापुल का निर्माण कराया था। साइकिल, बाइक एवं हल्के वाहन पीपापुल से ही होकर पटना से आते-जाते हैं। इससे गांधी सेतु पर वाहनों का लोड कम होने के कारण सेतु पर जाम से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि लोगों को यह सुविधा यहां मुश्किल से छह माह ही मिल पाती है। गंगा नदी में जलस्तर कम होने के बाद पीपापुल का निर्माण किया जाता है एवं जलस्तर बढऩे के साथ पीपापुल को खोल दिया जाता है। दिसंबर माह से शुरू होकर पीपापुल 15 जून तक चलता है। 
हाजीपुर से पटना आने-जाने वाले लोगों के लिए पीपापुल के खुल जाने के बाद जेपी सेतु ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। हालांकि, छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के अलावा उत्तर प्रदेश से आने वाले वाहन जेपी सेतु ही आते-जाते हैं। लेकिन उत्तर बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी के अलावे अन्य जिलों एवं नेपाल से आने वाले लोग महात्मा गांधी सेतु का ही अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
पूर्वी लेन पर सुपर स्ट्रक्चर को बदलने काम पूरा होने एवं मंगलवार को उद्घाटन के बाद राह काफी आसान हो गई है। अब सेतु के दोनों ही लेन पर परिचालन बहाल हो जाएगा। इसके बाद लोगों को जाम की समस्या से स्थायी तौर पर मुक्ति मिल जाएगी। गौरतलब है कि साल 2014 में गांधी सेतु की मरम्मति को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहमति बनी थी। पहले चरण में पश्चिमी लेन के पुराने सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर उसकी जगह स्टील के नए सुपर स्ट्रक्चर को बनाया गया। जिस पर साल 2020 में वाहनों का परिचालन शुरू हो गया था। अब पूर्वी लेनके लोकार्पण के बाद पुल के दोनों लेन से वाहनों का परिचालन शुरू होने से उत्तर बिहार से राजधानी पटना आने वाले लोगों को बड़ी सहुलियत हो गई। अब पटना से हाजीपुर का सफर महज 15 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, पशुपति नाथ पारस, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, सांसद राम कृपाल यादव आदि सहित एनडीए के कई बड़े नेता भी मौजूद रहे।



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