सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
किशनगंज पुलिस ने डुमरिया निवासी धीरज कुमार झा को सकुशल बरामद तो कर लिया मगर इस मामले को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे हुए। इस मामले में पुलिस को पता चला कि धीरज पर कर्ज है जिसके बाद पैसे न चुका पाने की वजह से उसने खुद ही अपनी अपहरण की झूठी कहानी रची थी। इस फर्जी अपहरण कांड का खुलासा होने के बाद पुलिस ने धीरज को जेल भेज दिया है।जानकारी के अनुसार 6 अप्रैल को किशनगंज के डुमरिया से एक युवक के अपहरण मामले का एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनु के निर्देश पर गठित टीम ने उद्भेदन कर लिया।
इस अपहरण मामले में जांच के बाद खुलासा हुआ कि युवक ने स्वयं ही अपने अपहरण की साजिश रच कर फिरौती की मांग की थी। एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने शुक्रवार को बताया कि डुमरिया निवासी सागर झा द्वारा बुधवार को सूचना दी गई थी कि 6 अप्रैल की रात से ही इनके बड़े भाई धीरज कुमार झा लापता हैं। जिसके बाद थाना कांड सं- 136/22 दर्ज कर पुलिस अनुसंधान में जुट गई।वहीं लापता धीरज के मोबाइल नंबर से उसके पिता के मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आया जिसमें एक लाख रुपया फिरौती
के रूप में धीरज के बैंक खाते में डालने को कहा गया।साथ ही नही देने पर उनके पुत्र को जान से मारने की धमकी दी गई।परिजनों ने सदर थाना अध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु को इसकी जानकारी दी जिसकी सूचना एसपी को भी दी गई। इसके बाद एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा बंगाल पुलिस के सहयोग से इस्लामपुर, पांजीपाड़ा, ठाकुरगंज, पानीटंकी एवं सिलीगुड़ी में छापेमारी की गई। इस दौरान लापता धीरज कुमार झा को रामपुर चेक पोस्ट के पास से सकुशल बरामद किया गया।पूछ-ताछ में धीरज ने पुलिस को बताया कि उसके ऊपर करीब दो लाख रुपए से अधिक का कर्ज है तथा पैसे वसूली के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है,जिससे वो खुद ही गायब हो गए एवं अपने परिजनों से मुक्त कराने हेतु पैसे की मांग की। इस संबंध में युवक के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जानकारी मिली कि पिछले वर्ष के मार्च महीने में भी इसी तरह फर्जी अपहरण का एक मामला प्रकाश में आया था। जिसमें पुत्र द्वारा अपने पिता से फिरौती की मांग की गई थी। इस मामले में भी पुलिस ने अपहरण कांड का उद्भेदन करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया था।