सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
किशनगंज में निलंबित शिक्षक के समर्थन में सैकड़ों शिक्षक एमडीएम के बोड़ा लेकर बोड़ा बेचने सड़क पर निकले। और कहने लगे बोड़ा ले लो बोड़ा ले लो ₹10 में बोरा ले लो। बताते चलें कि बिहार सरकार के “मध्याहन भोजन योजना बिहार पटना” के निर्देशक के द्वारा बिहार के सभी 38 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को मध्याहन भोजन योजना के लिए पत्र जारी किया गया था। जिसमें यह कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2014 -15 एवं 2015 – 16 मे जो MDM सह खाद्यान्न के खाली बोड़े को बिक्री कर राशि को जल्द जमा किया जाए, जो नहीं हो पाया था, जिससे साफ पता चलता है, कि सरकारी आदेश का और सरकारी राजस्व की हानि हो रही है, जिसके बाद फिर दुबारा विगत दिनों पत्र जारी किया गया था, कि सभी जिलों को निर्देश दिया जा रहा है, कि खाद्यान्न के खाली बैग को ₹10 प्रति बोरा के दर से जल्द बेचा जाए ,और मध्याहन भोजन योजना के रोकड़ पंजी में राशि जमा की जाए, वरना कार्रवाई होगी, जिस सरकारी आदेश का पालन करते हुए, विगत दिनो कटिहार के शिक्षक तमीजउद्दीन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बोड़ा बेचने सड़क पर उतरे थे, जो खबर मीडिया में प्रकाशित होने पर विभाग द्वारा शिक्षक तमीजउद्दीन को निलंबित किया गया, जिसके बाद किशनगंज के दर्जनों शिक्षक अपने अपने हाथों में MDM का खाली बैग बेचने के लिए सड़क और जिले के मुख्य बाजार में निकले जिनका कहना था, कि हम सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं, और हमारे कटिहार के साथी शिक्षक तमीजउद्दीन को बैग बेचने के कारण निलंबित किया गया है, जो गलत है, विभाग उसके निलंबन को वापस ले वरना हम सरकार के इस आदेश और फरमान को सड़क से लेकर संसद तक ले जाएंगे। जहां मौजूद किशनगंज जिला शिक्षक संघ के अध्यक्ष रागीबुर रहमान ने कहा शिक्षा विभाग हम शिक्षकों को इस महामारी में गुमराह कर रही है, जब सभी शिक्षकों का बैंक खाता विभाग द्वारा बंद किया गया है, और हमें 2 महीने से वेतन नहीं मिला है, और मध्याहन भोजन योजना का रोकर खाता भी बंद किया गया है, तो हम शिक्षक खाली बोड़ा बेचकर नगद राशि कहां भेजते और किसके खाते में बोड़ा का कुल राशि जो किशनगंज का ₹13 करोड़ की नगद राशि किसके खाते में भेजते आखिर यह फरमान किसके आदेशा अनुसार जारी की गई थी, जिस आदेश पर पूरा देश हंस रहा है, उसके बाद भी शिक्षा विभाग अपने आदेश पर डटा हुआ है, चिलचिलाती धूप में भी किशनगंज के डे मार्केट में दर्जनों शिक्षक MDM का खाली एवं बेकार बोड़ा को ₹10 के हिसाब से बेच रहे थे, जिनके इस हालत को देखकर और शिक्षक के गरिमा को देखते हुए, जिले के एक बोड़ा ग्राहक असगर अली उर्फ पीटर ने शिक्षकों से 10 बोरा ₹10 के हिसाब से खरीदें ताकि यह शिक्षक बोरा को बेचकर और अपनी गरिमा को बचा कर अपने घर परिवार के पास जा सके, खबर लिखे जाने तक शिक्षक जिले के चौक चौराहों पर सरकारी बोड़ा नीतीश कुमार का बोड़ा कह कह कर बेच रहे थे।