शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज:- समेकित बाल विकास सेवा आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए वर्ष में 2 बार (20 जून एवं 20 दिसम्बर को) सामाजिक अंकेक्षण(सोशल ऑडिट) कार्यक्रम किया जाता है। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 20 दिसंबर को सोशल ऑडिट संबंधी कार्य किया जाना तय है। सोशल ऑडिटिंग की मदद से आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए सामाजिक अंकेक्षण समिति में समुदाय आधारित संस्था व स्वयं सहायता समूह के सदस्य की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी। इस कार्य को सुनिश्चित कराने को ले आईसीडीएस के निदेशक ने एक पत्र जारी कर डीपीओ एवं सीडीपीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।इसके साथ ही जिलाधिकारी को भी जारी किए पत्र की प्रतिलिपि भेजी गयी है।
सामाजिक अंकेक्षण की सफलता को ले की जा रही है आवश्यक तैयारियाँ :-
आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने बताया कि सामाजिक अंकेक्षण कार्य की सफलता को ले आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले के सभी सीडीपीओ को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अपने-अपने प्रखंड के सभी सेविकाओं को भी व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने के लिए सीडीपीओ को कहा गया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी मिल सके और वह निर्धारित तिथि व समय पर आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित होकर सरकार की योजना से अवगत हो सकें।
सोशल ऑडिटिंग में योजनाओं की दी जाएगी जानकारी :-
20 दिसंबर को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामाजिक अंकेक्षण(सोशल ऑडिट ) कार्य होगा। इसके साथ ही पंचायत के विकास मित्र, पंचायत सचिव एवं संबंधित केंद्र के दो चयनित लाभार्थी सदस्य के रूप उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा पोषक क्षेत्र के सभी लाभार्थी भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद मौजूद सभी लोगों को संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा आंगनबाड़ी स्तर पर चल रही सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जाएगी। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र की महिला पर्यवेक्षिका सभी केंद्रों का भ्रमण कर गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगी।
सोशल ऑडिट के लिए विचारणीय बिंदु :-
सोशल ऑडिटिंग समिति आंगनबाड़ी केंद्र पर समेकित बाल विकास सेवाओं में सुधार करने के लिए कार्रवाइयों की समीक्षा कर सुझाव देगी। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की नियमितता, बच्चों की उपस्थिति, एक माह में कम से कम 25 दिनों तक सभी लाभार्थियों को पूरक आहार एवं आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति की समीक्षा करेगी। स्कूल पूर्व अनोपचारिक शिक्षा ,बच्चों के टीकाकरण, पोषण की स्थिति, वजन, ग्रोथ चार्ट की उपलब्धता, कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की संख्या व उनके पोषण स्तर में सुधार के लिए उठाये गये कदम आदि बिंदुओं पर विचार करते हुए समीक्षा का काम किया जाना है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्थापित नियमों के आलोक में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा जैसे आधारभूत संरचना, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेलने की जगह, स्कूल पूर्व शिक्षा किट्स, मेडिसिन किट्स , खाना बनाने व खाने बनाने के लिए उपयोग में लायी जाने वाले बर्तनों सहित आवश्यक बिदुंओं को भी ध्यान में रखा जायेगा।