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जिले के 264 सेशन साइट में टेली मेडिसीन सेवा का ड्राईरन 18 फरवरी को सारी तैयारी पूरी।

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।

शहर समेत जिले के सभी प्रखंडों में भी टीम का किया गया गठन

किशनगंज जिला में शुक्रवार से टेलीमेडिसीन कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला के सभी 7 प्रखंडों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर होने वाले टेलीमेडिसीन कार्यक्रम को लेकर योजना तैयार की गई है।जिला में 264 वीएचएसएनडी सत्र स्थल तैयार किये गये हैं। इन सभी सत्र स्थलों से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सीय परामर्श आनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे। गुरुवार को ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन कार्यक्रम के शुभारंभ की तैयारियों को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी गूगल मीट के माध्यम से समीक्षा भी करेंगे। इसके तहत अब घर बैठे मरीजों का न केवल इलाज होगा, बल्कि उन्हें घर पर दवा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। जिले में इसे लेकर 18 फ़रवरी को ड्राई रन किया जाएगा। ड्राई रन को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि टेलीमेडिसीन सेवा का ड्राई रन शुक्रवार को होगा। शहर समेत जिले के सभी प्रखंड में टेलीमेडिसीन टीम का गठन कर दिया गया है। ड्राईरन के दौरान टीमें अपनी-अपनी तैनाती वाले अस्पताल में मौजूद रहेंगी। इसके लिए डॉक्टर और एएनएम की तैनाती की गयी है। डॉक्टर ऑनलाइन तरीके से मरीज से रूबरू होंगे। मरीज की डॉक्टर से बात कराने से लेकर जांच रिपोर्ट तक दिखाने की जिम्मेदारी एएनएम की होगी। मरीज की जांच रिपोर्ट व उसके द्वारा बताई गई परेशानी व लक्षण के आधार पर डॉक्टर मरीज को दवा लिखेंगे।

रेफ़रल सुविधा होगी उपलब्ध। सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कि वीएचएसएनडी सत्रों पर टेलीमेडिसीन से चिकित्सीय परामर्श के दौरान हाई रिस्क केसेस जैसे गर्भवती महिलाएं, अतिकुपोषित बच्चों आदि के लिए रेफ़रल सुविधा उपलब्ध करना है। स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किए गए रोगी के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति को प्राप्त किया जाना है। आवश्यकतानुसार पैथोलॉजिकल सुविधाएँ, एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करानी है। साथ ही ग्रीन चैनल सुविधा अंतर्गत कूरियर सेवा द्वारा आवश्यकतानुसार टेस्ट किट एवं दवाओं की उपलब्धता वीएचएसएनडी सत्रों पर सुनिश्चित करानी है। ग्रीन चैनल के ज़रिए मरीजों के घर तक पहुंचेगी दवाः
सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया की टेलीमेडिसीन सेवा के तहत मरीजों के लिए 37 प्रकार की दवा उपलब्ध कराई गई है। डॉक्टर के दवा लिखे जाने के बाद ग्रीन चैनल के जरिए मरीजों के घर तक निःशुल्क दवा पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा एचआईवी, हेपेटाइटिस व सिफलिस व गर्भ की जांच से लेकर कोरोना का टीका भी ग्रीन चैनल के जरिये दिया जाएगा। ई-संजीवनी के जरिए सभी ओपीडी दिवस के दिन पूर्व में मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा टेलीमेडिसीन सेवा दी जाएगी। इसे लेकर एएनएम व चिकित्सकों को ट्रेनिंग तक दे दी गई है। दवा पहुंचाने की जिम्मेदारी कुरियर की होगी। दवा बच जाने पर उसे वापस भी कुरियर ही करेगा। इसे लेकर कुरियर को प्रतिदिन 100 रुपये का भुगतान भी किया जाएगा।
मरीजों को अस्पताल का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने कहा कि टेलीमेडिसीन की स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए मरीजों को अपने नजदीकी चयनित स्वास्थ्य संस्थान पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।इसके बाद वहां तैनात एएनएम स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल के माध्यम के टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा की सुविधा दिलाएंगी।डॉक्टर के चिकित्सा परामर्श के अनुसार एएनएम मरीजों को दवाई समेत अन्य चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कराएंगी। यानी अब इलाज कराने के लिए मरीजों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि सुविधाजनक तरीके से पूरी तरह मुफ्त ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। दूर-दराज के इलाके के लोगों को लिए वरदान साबित होगी यह सेवा जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि दुर्गम इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवा लेने में होने वाली परेशानियों को दूर करने में टेलीमेडिसीन सेवा वरदान साबित होगी। दुर्गम इलाके के मरीजों को आने-जाने के लिए काफी दूरी का सफर समेत अन्य परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और समुचित इलाज के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलेगी। जिले का काफी क्षेत्र जिला मुख्यालय से दूर है या फिर स्थानीय प्रखंड मुख्यालय से भी अच्छी-खासी दूरी पर है। उन क्षेत्रों के मरीजों को इसका काफी लाभ होगा।

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