बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
दिघलबैंक प्रखंड के पश्चिमी दक्षिणी छोर पर बसे हुए गांव सिघीमारी पंचायत के पलसा, डाकूपाडा, मंदिर टोला इन सभी गांव जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है। पहले नाव पर चढ़ते हैं उसके बाद रेत में कुछ दूर पैदल यात्रा करते हैं। उसके बाद लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने लोग अपना घर पहुंचते हैं। वहीं जब बारिश कम हो जाती है तो लोग अपने से चचरी पुल बनाकर आवाजाही करते हैं। इस संबंध में ग्रामीणों के द्वारा आए दिन जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों को इसकी सूचना देते हैं। हर एक बार जनप्रतिनिधि भरोसा दिलाते हैं कि आपको पुल बना दिया जाएगा, लेकिन सदियां बीत गई लेकिन अब तक वहां पर पुल का निर्माण नहीं हुआ है। पुल निर्माण नहीं होने से यहां के हजारों की आबादी विकास से मरहूम है। जिसे देखने वाला शायद कोई अब तक नहीं हुआ। सिर्फ नेताओं के झूठे वादे और नेताओं के दिखाए गए सपने ही इस पंचायत के लिए कारगर साबित होते हैं। हालांकि कई बार यहां के ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार भी किया। उसके बाद अधिकारी व जनप्रतिनिधि आकर लोगों को आश्वासन दिया उसके बाद लोगों ने झूठे वादे का ख्याल मन में बैठाकर फिर वोट देने का निर्णय किया। परंतु इस गांव की आबादी के लिए पुल का निर्माण नहीं हो पाया। लोगों को आस जगी है कि पता नहीं कब उनके गांव में आने के लिए पुल का निर्माण होगा।