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पिछले 20 वर्षों में चाय का वार्षिक उत्पादन लगभग 75 लाख किलो तक पहुँच गया है: कृषि मंत्री

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज, किशनगंज।

1992 में चाय की खेती की शुरुआत पोठिया प्रखंड में हुई थी।

किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के अर्राबाड़ी क्षेत्र में स्थित अब्दुल कलाम कृषि महाविद्यालय मे बिहार की चाय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे तथा इस परिचर्चा की अध्यक्षता डॉ० एन. के सरवण कुमार, सचिव कृषि, बिहार सरकार के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर “बिहार की चाय” का प्रतीक के रूप में एक लोगो को जारी किया गया है, जिससे बिहार में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत चाय को एक पहचान मिलेगी। इस कार्यशाला में भारतीय चाय बोर्ड के साथ बिहार के प्रतिनिधि को शामिल हुए। ज्ञातव्य हो कि भारतीय चाय बोर्ड में बिहार को छोड़कर चाय उत्पादन करने वाले दूसरे राज्यों के प्रतिनिधि पहले से ही शामिल है।

भारतीय चाय बोर्ड भारत सरकार की एजेंसी है जिसकी स्थापना भारत में चाय के उत्पादन, प्रसंस्करण और घरेलू व्यापार के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई है। परिचर्चा में उद्योग निकायों सहित बिहार के सभी प्रमुख चाय उत्पादकों ने भाग लिया।

बताते चलें कि किशनगंज की मिट्टी एवं जलवायु को चाय की खेती के उपयुक्त होने के कारण सन 1992 में बिहार की चाय की खेती की शुरूआत पोठिया के गोरूखाल पंचायत के कालीदास किस्मत मौजा में पाँच एकड़ से की गयी थी। वर्ष 1999 में भारतीय टी बोर्ड ने किशनगंज जिला के पाँच प्रखंडों (1) किशनगंज (2) ठाकुरगंज (3) पोठिया (4) बहादुरगंज (5) दिघलबैंक को चाय की खेती के लिए गैर पारम्परिक क्षेत्र घोषित किया है, तदोपरांत बिहार राज्य के किशनगंज जिले में बड़े पैमाने पर चाय की खेती हो रही है। विदित हो कि बिहार में लगभग 8000 से अधिक किसानों के द्वारा 25 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में चाय का उत्पादन किया जाता है। पिछले 20 वर्षों में चाय का वार्षिक उत्पादन लगभग 75 लाख किलो तक पहुँच गया है। बिहार क्षेत्र के अनुसार पूरे भारत में पाँचवें स्थान पर है। बिहार उत्पादित चाय की हरी पत्तियों के प्रोसेसिंग हेतु वर्तमान में बिहार में 11 इकाईयाँ कार्यरत है। जिसमें 1 इकाई भारतीय सरकार की स्कीम स्वर्ण जयंती रोजगार योजना के अन्तर्गत स्थापित की गयी है।

आँकड़ों के अनुसार बिहार में उत्पादित 70 प्रतिशत हरी पत्तियों की प्रोसेसिंग निकटवर्ती राज्य पश्चिम बंगाल में हो रही है। चाय की खेती प्रोसेसिंग एवं उससे जुड़े अन्य गतिविधियों से संबंधित कार्यों के अनुश्रवण एवं संचालन के इस कार्यक्रम की मेजबानी नन्द किशोर, निदेशक, उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार सरकार एवं डॉ० आदित्य प्रकाश, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक डॉ एनामुल हक मेगनू के द्वारा किया गया।

कृषि विभाग से आभांशु सी० जैन (संयुक्त निदेशक उद्यान), प्रवीण कुमार झा (जिला कृषि पदाधिकारी), रजनी सिन्हा (सहायक निदेशक उद्यान किशनगंज), अजय कुमार (सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण), पूजा शर्मा (तकनीकी सहायता दल प्रमुख), कृष्णा कुमार प्रसाद (परियोजना निदेशक), आत्मा दिलीप कुमार वर्णवाल(सहायक निदेशक, रसायन), सुरेन्द्र कुमार भारती (सहायक निदेशक अभियंत्रण), निरंजन कुमार (सदस्य तकनीकी सहायता दल), पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष बिजली प्रसाद सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप एवं भाजपा के कार्यकर्तागण उपस्थित थे।

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