शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बना रहा है। जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की गई। यह जाँच स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर की गई। गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने के 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया जाता था किन्तु छठ पर्व होने के कारण 13 नवम्बर को आयोजित किया गया। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया जिले में आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल हुईं और सुरक्षित व सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जाँच करवाई। शिविर में जाँच कर रहे मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट आदि की भी जाँच की गई।
भ्रांतियों के डर से नहीं ले रही थी टीका, किशनगंज ग्रामीण (बेलवा) स्वास्थ्य केंद्र में कौशारी बेगम, दिल्नुर बेगम, सबीना बेगम, सब्नुर बेगम सहित कुल 51 गर्भवती महिलाओं ने टीका लिया। वहीं कौशारी बेगम ने बताया, पूर्व में टीकाकरण को लेकर काफी भ्रांतियां फैली हुईं थी। जिसके कारण वह टीका लेने से डर रही थी कि कहीं टीका का दुष्प्रभाव उनके बच्चे पर न पड़ जाए। साथ ही, परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें टीका लेने से मना कर रहे थे। टीकाकरण को लेकर जितने मुंह उतनी बात से वो परेशान रही। हर कोई टीका नहीं लेने के लिए अपनी अपनी दलील देता रहता था। जिनपर विचार करने के बाद, उन्हें भी डर लगने लगा था। टीका लेने से उन्हें यह डर था कि कहीं उनके उनके बच्चे का भ्रूण खराब न हो जाए। लेकिन, जब दोनों लाभार्थियों को आशा कार्यकर्त्ता ने सरकार के निर्देश व विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बारे में बताया,तब जाकर उनके मन से टीका की भ्रांतियां दूर हुईं।
कोविड-19 टीका गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है, सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि कोविड-19 टीका लगाने से महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही उनके बच्चे में भी इसका विकास होगा। गर्भावस्था में महिलाओं को विभिन्न तरह की समस्याओं से गुजरना होता है। ऐसे में अगर गर्भवती महिलाओं द्वारा कोविड-19 टीका लगाया जाता है तो उसे बीमारियों से लड़ने में आसानी होगी। अगर कोई महिला गर्भकाल के दौरान कोविड-19 की शिकार होती है तो उन्हें चिकित्सक से संपर्क कर जरूरी उपचार कराना चाहिए। जैसे ही महिला संक्रमण से सुरक्षित होती हैं तो तुरंत उसे कोविड-19 टीका लगा लेना चाहिए। टीका लगाने से गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे में भी संक्रमण का अंश खत्म हो जाता है।गर्भवती महिलाओं की तरह ही माहवारी के समय में भी महिलाएं कोविड-19 टीका लगा सकती हैं। कोविड-19 टीका का प्रभाव महिलाओं के माहवारी के दौरान होने वाले हार्मोन्स सम्बन्धी बदलाव में नहीं होता। टीका लगाने के पश्चात किसी को भी हल्का बुखार, सर दर्द, हाथों में इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द आदि महसूस हो सकता है लेकिन टीकाकरण के बाद यह सामान्य है। हल्का बुखार, सर दर्द आदि कोविड-19 टीका के आपके शरीर में असर दिखाने के ही लक्षण हैं। इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था, सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जाँच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जाँच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है और पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व 04 जाँच कराना जरूरी है।महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है।सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है।इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा,बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा।