बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिला परिषद परिसर स्थित मुकेश कंप्यूटर दुकान में फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र बनाने मामले में हिरासत में लिए गये तीन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। कोरोना से संबंधित मेडिकल जांच के बाद किशनगंज पुलिस ने रूईधासा वार्ड नंबर 23 निवासी जुनैद आलम पिता खुर्शीद अनवर सहित रोलबाग निवासी मुकेश कुमार साह और राकेश कुमार साह पिता विजय प्रसाद साह को जेल भेज दिया गया। वहीं जांच के बाद एक आरोपित को निर्दोष पाये जाने के बाद उसे रिहा कर दिया गया। मामले में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के लिखित बयान पर 368/21 में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान दुकान से बरामद दस्तावेज में दो जन्म प्रमाणपत्र बरामद हुआ था। पहला प्रमाण पत्र मुखी हांसदा पिता दुखा हांसदा माता फूलमनी हेंब्रम, आंगनबाड़ी सेंटर 170, कोलथा कालोनी, वार्ड नंबर दो, छत्तरगाछ का है। इसमें जन्म तिथि पांच दिसंबर 2013 अंकित है और जारी करने वाले का हस्ताक्षर अस्पष्ट है। लेकिन मोहर में रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु उपजिला रजिस्ट्रार खड़गपुर अंकित है। इससे स्पष्ट होता है कि मुखी हांसदा का जन्म स्थान किशनगंज जिले में है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करनेवाले पदाधिकारी खड़गपुर के हैं। जबकि दूसरा जन्म प्रमाणपत्र आदित्य कुमार पिता मुन्ना साहा माता पिकी देवी, डुमरियाभट्ठा वार्ड नंबर 29 के नाम का पाया गया। इसमें जन्मतिथि चार नवंबर 2018 अंकित है। जबकि जारी करने की तिथि 12 नवंबर 2020 अंकित है। इस प्रमाण पत्र में भी जारी करने वाले पदाधिकारी का नाम अस्पष्ट है। लेकिन मुहर में चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज अंकित है। इस प्रमाण पत्र से स्पष्ट प्रतीत होता है कि मुकेश कंप्यूटर के द्वारा फर्जी तरी़के से जन्म प्रमाण पत्र बना कर उसे असली के रूप में लोगों को देकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। बताते चलें कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की गुप्त सूचना के बाद शुक्रवार को एसडीएम शहनवाज अहमद नियाजी के नेतृत्व में गठित टीम ने मुकेश कंप्यूटर में छापेमारी की थी।