विजय गुप्ता, सारस न्यूज, किशनगंज।
बैंकों से रेकी कर रुपए उड़ाने वाले फाटापुकूर गिरोह के गिरफ्तार अपराधी रूपक ग्वाला का पुलिस खंगाल रहे है अपराधिक कुंडली। गिरफ्तार इतना शातिर है कि लगातार पुलिस को अपने बातो से गुमराह कर रहा है और बार-बार अलग-अलग बातें बता रहा है। पुलिस भी लगातार गिरफ्तार अपराधी से अलग-अलग तरीकों से पुछताछ कर रही है। पुछताछ मे कई अहम जानकारी इस गिरोह के बारे में पुलिस के हाथ लगे हैं। ज्ञात हो कि शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक के समीप से 3 लाख 40 हजार रुपये उड़ाकर भाग रहे अपराधी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब अपराधी के आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। आरोपी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के फाटफुकुर निवासी रुपक ग्वाला है। पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस से भी संपर्क साध रही है। आरोपी से बारीकी से पूछताछ की गई तो कई मामले खुल कर सामने आए हैं। जिसमे कई चौकाने वाले खुलाशे भी हुए हैं। हालांकि पुलिस फिलहाल पूछताछ की बातों को गुप्त रख रही है। पुलिस के अनुसार पकड़े आरोपी ने फाटापुकूर गिरोह के कुछ लोगों का नाम बताया है। लेकिन कार्रवाई को लेकर अभी नामों का खुलाशा नहीं किया जा रहा है।
पुछताछ में अपराधी ने बताया रुपए छिनने से पहले बैंक की रेकी भी की थी। पुलिस बैंक में लगा सीसीटीवी फुटेज व आसपास का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। जिसमे यह पता लगाया जा रहा है कि इसके साथ और कौन-कौन से लोग शामिल थे। आरोपी इससे पूर्व भी किशनगंज में आया था। पूर्व में हुई छिनतई की घटनाओं में भी शामिल होने की आशंका जतायी गई हैं। वही आरोपी के पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। पुलिस की जांच में मोबाइल का नम्बर भी किसी दूसरे स्टेट का बताया जा रहा है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।
गिरफ्तार अपराधी इससे पहले ट्रेन में छिनतई की दर्जनों घटना को अंजाम दिया है। ट्रेन में छोटी मोटी चोरी छिनतई को अंजाम देते देते बड़े लूट की वारदात को अंजाम देने लगा। ट्रेन में एनजेपी-असम रेलखंड के ट्रेनों में घटना को अंजाम देता था। ट्रेन में मनोज नामक एक अपराधी से घटना को अंजाम देने के दौरान मुलाकात हुई थी और दोनों में दोस्ती हूई तो बड़े हाथ मारने को लेकर दोनों ने प्लानिंग कर लूट की वारदात को अंजाम देने लगा। इसी दौरान दोनों किशनगंज पहुंचे थे और दोनों मिलकर लूट की वारदात को अंजाम भी दिया था, लेकिन मनोज मौके से फरार हो गया वहीं रूपक पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तार अपराधी रुपक ने 500 रुपया में फर्जी सिम कार्ड असम से कुछ माह पहले खरीदा था। घटना को अंजाम देते ही सिम कार्ड निकाल कर फेक देता था। वारदात को अंजाम देने के लिए गिरफ्तार अपराधी चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया करता था। गिरफ्तार अपराधी के साथी ने बिहार के किसी जिला से पहले बाइक चोरी कर घटना को अंजाम देते थे फिर बाइक को बेच देता था।
