सारस न्यूज, किशनगंज।
सरकार की ओर से कृषि उत्पादन को बढ़ाने तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से ठाकुरगंज प्रखंड के पांच राजस्व ग्राम का मिट्टी नमूने की जांच के लिए चयन किया गया है। इस कड़ी में प्रखंड के जिरनगच्छ, बेसरबाटी, पथरिया, दल्लेगांव एवं खारुदह राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। उक्त बातों की जानकारी देते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा प्रखंड स्तर पर खेत से मिट्टी जांच के लिए नमूना लिया जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय संधारणीय कृषि मिशन अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2022-23 में मिट्टी नमूना संग्रहण एवं प्रत्यक्षण सह प्रशिक्षण से संबंधित प्रखंड के उक्त पांच राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। जिरनगच्छ में कृषि समन्वयक जटाधर सिंह, बेसरबाटी व पथरिया में कृषि समन्वयक सत्येंद्र सिंह तथा दल्लेगांव एवं खारुदह में कृषि समन्वयक कौशल किशोर नोडल के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है, जहां कृषि समन्वयक द्वारा किसान के खेत से मिट्टी लेकर जांच के लिए कृषि विभाग के प्रयोगशाला भेजा जाएगा। जांच के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिया जाएगा। इसमें खेत की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी। मिट्टी जांच होने के बाद संतुलित उर्वरक ही अपने खेतों में डालने के कृषि समन्वयक किसानों को प्रशिक्षित भी करेंगे। बीएओ राजेश कुमार ने कहा कि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड के रिपोर्ट के आधार पर अपने खेतों में उर्वरकों का उपयोग करने से उन्हें आर्थिक बचत होगी। उन्होंने बताया कि अभी प्रखंड के अधिकांश किसान प्रायः बिना मिट्टी जांच कराए अधिक उत्पादन के लिए अधिक खाद का प्रयोग करते है। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति घटती है। इससे किसानों का लागत खर्च भी अधिक हो जाता है। मिट्टी जांच कराने के बाद किसान अनावश्यक खाद का प्रयोग करने से बचेंगे। साथ ही इससे खेतों की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी।
उन्होंने बताया कि इन चयनित राजस्व ग्राम में प्रत्यक्षण-सह प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रति जागरूकता पैदा करने के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अंतर्गत प्रत्येक चयनित ग्राम में एक प्रशिक्षण एवं एक हेक्टेयर का एक प्रत्यक्षण का आयोजन किया जाना है। किसानों को मिट्टी जाँच की महत्व एवं मिट्टी जाँच आधारित खेती की लाभ की जानकारी, मिट्टी नमूना लेने के लिए प्रशिक्षण देते हुए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने एवं किसानों को मिट्टी जाँच का महत्व के बारे में व्यवहारिक ज्ञान दिए जाएंगे।
