बीरबल महतो, सारस न्यूज, किशनगंज।
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्ट एंड डिजाइन का एक शिष्टमंडल मंगलवार को खेता कढ़ाई की अनूठी एवं अद्भुत कला की विस्तृत जानकारी, शोध एवं डाक्यूमेंट्री के लिए किशनगंज जिले का भ्रमण कर रहा है। जिले की खेता कढ़ाई कई वर्षों से चर्चा और सुर्खियों में है। जिले में गुमनामी ढंग से चल रही इस बेहद शानदार कला खेता कढ़ाई का अस्तित्व धीरे-धीरे वित्तीय असहयोग और प्रशिक्षण की कमी के कारण सिमटने लगा था। शिक्षा, बाल एवं महिला कल्याण, कला आदि क्षेत्रों में काम करने वाली संस्था आजाद इंडिया फाउंडेशन ने खेता कढ़ाई की विशेषता को संज्ञान में लेकर वस्त्र मंत्रालय से लेकर फैशन स्टडीज के अग्रणी संस्थानों तक इसकी पहचान, महत्व और विशेषता के लिए निरंतर संघर्ष किया।
इस कला के प्रति फैशन स्टडीज के विभिन्न संस्थाओं के शिक्षक एवं विद्यार्थियों में रुचि और उत्साह उत्पन्न किया। सांसद डॉ. मो. जावेद का समर्थन भी फाउंडेशन को मिला। उन्होंने खेता कढ़ाई की अस्तित्व और इस कला से जुड़े कारीगरों के भविष्य के लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय से जोरदार पहल किए। साथ ही इस कला से जुड़े कारीगरों के लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय से विशेष प्रशिक्षण और प्रशिक्षु कारीगरों के लिए स्टाइपेंड प्रदान करवाए। देश की फैशन स्टडीज की प्रतिष्ठित संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्ट एंड डिजाइन का एक शिष्टमंडल इन दिनों खेता कढ़ाई और इससे निर्मित उत्पादों पर पर शोध और वीडियो डाक्यूमेंट्री के लिए आए हुए हैं। वरीय प्रोफेसर सौम्या के नेतृत्व में शोध कार्य किया जा रहा है। प्रोफेसर सौम्या ने खेता कढ़ाई के महत्व और विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पर सम्मानजनक स्तर पर काम करने के साथ इस कला से जुड़े कारीगरों के उत्थान के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा।
