शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले में आगामी 15 नवम्बर से आंगनबाड़ी केन्द्रों में फिर गूंजेगी बच्चों की किलकारी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की कुल उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। सूबे में कोरोना वायरस को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों को मार्च 2020 से बंद कर दिया गया था किन्तु अब संक्रमण का दर घटने लगा है इसी क्रम अब आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि आगामी छठ पूजा के बाद 15 नवंबर से जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व की भांति सभी गतिविधियों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। केंद्र संचालन अवधि 15 नवंबर 2021 से 21 मार्च 2022 तक पूर्वाहन 10:00 बजे से अपराहन 2:00 बजे तक निर्धारित की गई है। इसी क्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र खोला जायेगा। पूर्व में कोविड संक्रमण के दौर में आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने पर बच्चों को पोषक तत्व घर पर ही उपलब्ध कराया गया। साथ ही पौष्टिक गर्म खाना या उपर्युक्त पोषण की राशि उनके घर तक पहुचांयी गई थी। आंगनबाड़ी केंद्रों को साफ सुथरा रखने का निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने बताया कि आईसीडीएस के निदेशक के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी केंद्रों और केंद्र के आसपास की सफाई के साथ साथ सुरक्षित माहौल को रखने का भी निर्देश दिया गया है। कोरोना काल में सभी आंगनबाड़ी केंद्र केवल केंद्र आने वाले शिशुओं के लिए ही बंद था। सभी सेविकाएं अपने केंद्र और पोषक क्षेत्र का नियमित निरीक्षण करती रही हैं। केंद्रों में पोषण वाटिका के द्वारा समुदाय में पोषण का संदेश पहुंचाने में मदद मिली है और लाभार्थी इनका लाभ उठा रहे हैं। वहीं प्रत्येक दिवस को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चो की उपस्थिति इस तरह से सुनिश्चित की जाएगी कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार लो 3 से 5 वर्ष के बच्चे एवं मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को 05 से 06 वर्ष के बच्चे उपस्थित रहेंगे। वहीं किसी भी आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों की कुल उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। उन्होंने बताया,केंद्र का खुलना एक सुखद अनुभव रहेगा। बच्चों तथा उनके अभिभावकों की उपस्थिति उन्हें बेहतर काम करने की प्रेरणा देती है और समुदाय को कुपोषण से मुक्ति की राह पर बढ़ने में मदद करती है।आंगनबाड़ी योजना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने बताया कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से छह वर्ष के बच्चों और उनकी मां को कुपोषण से बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी योजना को आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत गाँवों और कस्बों में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में एक आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया है। जिले में 1866 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इस केंद्र में सरकार द्वारा प्रदान की गई अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलती हैं, जो बच्चों और उनकी मां को कुपोषण से बचाते हैं। इन सुविधाओं के रूप में उन्हें पोषित भोजन,स्वास्थ्य सेवाएं, खेल सामग्री, बच्चों की पुस्तकें, धात्री महिलाओं की सही समय पर जाँच और परामर्श, बच्चों को बुनियादी ज्ञान से शिक्षित करना इत्यादि है।
महिलाओं को दी जाती है 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने बताया प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को शिशु होने तक तीन किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाती है। पहली किस्त 1000 रुपये दी जाती है।जिसके लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में गर्भधारण करने के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कर जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं।कम से कम 1 प्रसव पूर्व जांच करवाने पर 180 दिनों बाद दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये एवं शिशु के जन्म के बाद उनके पंजीकरण व प्रथम चरण के टीकाकरण के बाद तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये की राशि दी जाती है।