चंद्रघण्टा ( माँ का तीसरा रूप) – इस रूप में माँ शेर की सवारी करती हैं; जो अंदर की शक्ति है, जिस पर आरूढ रहना है। शेर कोई बाह्य जानवर नहीं है, अंदर का बल है जिसे नियंत्रित करना है।

Post Views: 844 🔊 सुनें ⏸️ रोकें ⏹️ बंद करें कमलेश कमल, सारस न्यूज़ । कमलेश कमल (एक लेखक, कवि, राष्ट्रवादी विचारक और एक पुलिस अधिकारी) से जानिए और समझिये नवरात्र का वास्तविक अर्थ यह सृष्टि-चक्र शक्ति-चक्र ही है। सृष्टि का प्रत्येक प्राणी चाहे देव हो। ऋषि हो, मनुष्य हो, पशु हो या पक्षी– सबमें … Continue reading चंद्रघण्टा ( माँ का तीसरा रूप) – इस रूप में माँ शेर की सवारी करती हैं; जो अंदर की शक्ति है, जिस पर आरूढ रहना है। शेर कोई बाह्य जानवर नहीं है, अंदर का बल है जिसे नियंत्रित करना है।