बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
फसल अवशेष प्रबंधन और खेतों में पराली नहीं जलाने को लेकर सोमवार को मध्य विद्यालय गलगलिया में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्कूल के शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को खेतों में फसल के अवशेषों को जलाने से पर्यावरण और खेतों को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण संरक्षण को लेकर शपथ दिलाया गया। इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्जुन पासवान ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार खेतों में पराली नहीं जलाने और बच्चों को खुद भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने और आसपास के लोगों को अपने खेतों में पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान मशीन से धान की कटनी कराकर खेत में थ्रेसिंग कर लेते हैं। इस दौरान धान की पुआल व डंठल को जला देते हैं, जिससे न सिर्फ वायु प्रदूषण होता है बल्कि साथ ही साथ इसका खेतों की उर्वरता पर भी असर देखने को मिलता है।
बाल संसद के शिक्षक संयोजक विकास गुप्ता व अमरनाथ नायक ने फसल अवशेष क्या है? इसे खेतों में जलाने की क्या मजबूरी है? इससे क्या नुकसान है? मिट्टी की उर्वरा शक्ति को कैसे नष्ट करता है? और मानव सेहत को किस तरह नुकसान पहुंचाता है आदि विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा कर बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि किसान किस तरह इसका प्रबंधन कर सकते है। खेतों में इसे जलाने से कैसे बच सकते है। साथ ही मुनाफे के कारोबार में तब्दील करने का भी तरीका बताया गया।
फसल अवशेष जलाए जाने का मामला काफी गंभीर होते जा रहा है। जिस किसान को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं है वे भी एक-दूसरे की देखा देखी फसल अवशेष चलाते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चे को अपने अभिभावकों को फसल अवशेष नहीं जलाने के प्रति जागरूक करने को कहा गया है।
आयोजित कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के अन्य शिक्षक व शिक्षिका सहित स्कूली बच्चे मौजूद थे।