सारस न्यूज, किशनगंज।
स्वास्थ्य केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि हर नागरिक का मूल अधिकार है। और जब यह अधिकार हर गांव, हर घर तक पहुंचे, तभी सशक्त समाज की कल्पना साकार होती है। इसी संकल्प के साथ किशनगंज जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए दिन-रात जुटा है। जिला पदाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर तक स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारु संचालन और जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। आगामी 11 से 31 जुलाई के बीच आयोजित होने वाला जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा इसी का एक हिस्सा है — जिसका उद्देश्य है परिवार की खुशहाली और समाज की स्थिरता।
हर घर तक परिवार नियोजन का संदेश: आशा दीदियां बनीं बदलाव की वाहक
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत आशा फैसिलिटेटर्स और आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन, महिला स्वास्थ्य और बाल कल्याण से संबंधित सभी उपायों की जानकारी दी जा रही है। हर आशा दीदी को एक महिला बंध्याकरण लाभार्थी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही जागरूकता फैलाने के लिए पूरे गांव में संवाद किया जा रहा है — ताकि कोई भी दंपति जानकारी के अभाव में अपनी खुशहाल योजना से वंचित न रहे। PSI इंडिया के प्रतिनिधि श्री श्रीनाथ साह ने भी बैठक में भाग लेते हुए कहा कि “जब तक हर दंपति को सही जानकारी और सही साधन नहीं मिलेंगे, तब तक जनसंख्या स्थिरता एक सपना ही रहेगी। आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका इसमें निर्णायक है।”
आशा दिवस – सेवाओं की पहली कतार में खड़ी नारी शक्ति को मिला नया संबल
प्रखंड पोठिया में आशा दिवस का आयोजन किया गया जिसमें 45 आशा कार्यकर्ता एवं 3 फैसिलिटेटर शामिल हुए। इसमें उन्हें NCD स्क्रीनिंग, HBNC/HBYC, दस्त नियंत्रण, M-ASHA ऐप, ABHA हेल्थ ID, VBD, कालाजार, LF मरीजों की देखभाल और विकलांगता प्रमाणपत्र प्रक्रिया जैसे विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। MOIC ने कहा कि “आशा कार्यकर्ता केवल स्वास्थ्य कर्मी नहीं, बल्कि समाज की संरक्षिका हैं। उनकी जागरूकता ही गांव की सेहत तय करती है।”
टीकाकरण व मातृ स्वास्थ्य को लेकर भी गहन समीक्षा – न एक भी बच्चा छूटे, न एक भी मां संकट में पड़े
किशनगंज प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में BLTF बैठक का आयोजन हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य था गृह प्रसव को रोकना और सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना। हर बच्चे को समय पर सभी टीकों से सुरक्षा देना। यह बैठक केवल आंकड़ों की समीक्षा नहीं, बल्कि एक जन-जागरूकता का मिशन था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वयं यह संकल्प लिया कि “कोई बच्चा टीकाकरण से न छूटे, कोई मां बिना देखभाल के न रहे।”
स्वास्थ्य सेवा हर घर तक – प्रशासन की पूर्ण तत्परता, जनता की सहभागिता जरूरी
स्वास्थ्य सेवाएं अब केवल अस्पतालों तक सीमित नहीं — हर पंचायत, हर गांव, हर टोले तक पहुंचाई जा रही हैं। जनसंख्या स्थिरता हो या मातृ सुरक्षा, कालाजार नियंत्रण हो या दस्त पखवाड़ा, नियमित टीकाकरण हो या डिजिटल स्वास्थ्य पहचान (ABHA) —
प्रशासन ने हर स्तर पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जिला पदाधिकारी विशाल राज ने दो टूक कहा कि “सरकारी सेवाएं तभी सार्थक हैं जब उनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी परिवार स्वास्थ्य सुविधा से वंचित न रहे।”
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि हर व्यक्ति को चाहिए कि वह आशा दीदी से जुड़ें, स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी लें और समय पर लाभ प्राप्त करें। सुरक्षित समाज की नींव स्वस्थ नागरिकों से ही रखी जा सकती है।
स्वास्थ्य आपकी जिम्मेदारी भी है, अवसर का लाभ उठाएं
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने आमजनों से अपील करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र की आशा दीदी से संपर्क करें, परिवार नियोजन के सुरक्षित उपायों को अपनाएं, बच्चों का समय पर टीकाकरण कराएं, दस्त, बुखार, कमजोरी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, सरकारी अस्पतालों और शिविरों का लाभ लें। उन्होंने कहा कि जिला अब उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं केवल कागज़ी योजना नहीं, बल्कि गांव की चौपाल, घर की चौखट और मां के आंगन तक पहुंच रही हैं। यह प्रशासन की मुहिम नहीं, आपकी साझेदारी से चलने वाला एक जन-आंदोलन है।
