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जीविका डीपीएम ने पदभार ग्रहण किया जीविका से जुड़कर महिलाएँ हो रही सशक्तआत्मनिर्भरता की बन रही मिसाल।


सारस न्यूज, किशनगंज।


किशनगंज जिला में 2 लाख 30 हजार से अधिक जीविका दीदियों को रोजगार, स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूह, बैंकों से जोड़ाव कर आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे स्वरोजगार कर सकें, पूंजीगत उपलब्धता से अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकें। सूक्ष्म उद्यम, आधुनिक विधि से खेती, चाय पत्ता, अनानास इत्यादि नकदी फसल उत्पादन, पशुपालन, लघु कुटीर उद्योग के माध्यम से स्वावलंबी हो सकें — इस ओर जीविका के माध्यम से कई कदम उठाए गए हैं।

जीविका किशनगंज की नव नियुक्त जिला परियोजना प्रबंधक अनुराधा चंद्रा ने जीविका के सभी कर्मियों को इस दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने जीविका कर्मियों के साथ आयोजित बैठक में जिले में छूटे हुए परिवारों को समूह से जोड़ने का निर्देश दिया।

कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों को रोजगार, स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करें। किशनगंज जिला में जीविका के माध्यम से 20,049 स्वयं सहायता समूहों का संचालन किया जा रहा है। 1,458 ग्राम संगठन और 32 संकुल स्तरीय संघ काम कर रहे हैं।

सामुदायिक संगठन के माध्यम से जीविका दीदियों के सामाजिक–आर्थिक विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। जिला परियोजना प्रबंधक अनुराधा चंद्रा ने बताया कि किशनगंज में 2,600 से अधिक जीविका दीदियों को सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया गया है।

उन्होंने कहा कि आधी आबादी के सशक्तिकरण से परिवार और समाज मजबूत बनेगा। जीविका के माध्यम से महिलाएँ सशक्त बन रही हैं, वे मुखर हो रही हैं, घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपने हित के लिए काम कर रही हैं। सामुदायिक संगठन में नियमित बैठक, बचत, आपसी ऋण लेन–देन, लेखांकन, समय पर ऋण की वापसी जैसे कार्य कर वे अपनी संस्था और खुद को मजबूत कर रही हैं।

विकास के साथ-साथ जीविका दीदियाँ समाज सुधार के कार्यों में अपनी महती भूमिका निभा रही हैं। बाल विवाह रोकथाम, दहेज प्रथा निवारण, नशाबंदी जैसे सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी दे रही हैं। जीविका दीदियों के सामूहिक, सकारात्मक और रचनात्मक प्रयास से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है। जीविका दीदियाँ अपनी जिजीविषा, मेहनत, लगन से आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं।


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